मिल्कीपुर में भाजपा ने अयोध्या का 'बदला' चुकाया, योगी ने 8 महीने में पलटी अखिलेश की बाजी
- मिल्कीपुर सीट पर बड़ी जीत दर्ज कर बीजेपी ने पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में फैजाबाद की अयोध्या सीट का बदला चुका लिया है। जहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सीट पर चंद्रभानु पासवान के चुनाव प्रचार अभियान की कमान संभाल रखी थी वहीं सपा की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूरी ताकत झोंक दी थी।
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Milkipur By Election Results 2025: उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट पर बड़ी जीत दर्ज कर भाजपा ने पिछले साल जून महीने में हुए लोकसभा चुनाव में अयोध्या की फैजाबाद सीट पर मिली हार का बदला चुका लिया है। वहीं मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की हार ने मिशन-2027 की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी की चुनौतियां बढ़ा दी हैं। भाजपा की ओर से जहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सीट पर चंद्रभानु पासवान के चुनाव प्रचार अभियान की कमान संभाल रखी थी वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूरी ताकत झोंक दी थी। मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे सामने आने के बाद कहा जा रहा है कि सीएम योगी ने 8 महीने में ही अयोध्या में अखिलेश यादव की बाजी पलट दी। शनिवार को वोटों की गिनती के बाद सामने आए परिणाम ने जहां सीएम योगी की रणनीति को बंपर कामयाब साबित किया वहीं यह भी साफ कर दिया कि पीडीए फॉमूले को जीत का मंत्र मान रही समाजवादी पार्टी को मिशन 2027 के लिए अपनी रणनीति में कुछ न कुछ बदलाव करने की जरूरत है।
मिल्कीपुर की जीत के बाद भाजपा में जश्न का माहौल है। जीत का प्रमाण पत्र लेने पहुंचे चंद्रभानु पासवान के साथ मतगणना स्थल पर फैजाबाद के पूर्व सांसद लल्लू सिंह भी मौजूद रहे। दरअसल, फैजाबाद लोकसभा की हार राजनीतिक गलियारों में भाजपा के लिए बड़े झटके के तौर पर देखी गई। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस हार पर भाजपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा में सांसद अवधेश प्रसाद को अपनी बगल में बिठाते रहे। वे बार-बार ये जताते रहे कि अयोध्या में भव्य राममंदिर के निर्माण बाद भी वहीं के लोगों ने भाजपा को हरा दिया।
उधर, भाजपा ने पिछले साल नवंबर में नौ सीटों पर हुए उपचुनाव में छह सीटें जीत कर ( उस उपचुनाव में सपा को दो और रालोद को एक सीट पर कामयाबी मिली थी ) कुछ हद तक लोकसभा चुनाव का हिसाब बराबर करने की कोशिश की थी। लेकिन मिल्कीपुर में जीत का लक्ष्य बड़ा था। भाजपा ने इसको लेकर अपनी तैयारी जारी रखी। फिर जब मिल्कीपुर के लिए समाजवादी पार्टी ने फैजाबाद सीट से जीते सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के नाम का ऐलान कर दिया तो भाजपा ने उसी को केंद्र में रखकर स्थानीय सामाजिक समीकरणों और सियासी गणित के हिसाब से रणनीति बनाई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने मिल्कीपुर में कई जनसभाएं कीं। इसके साथ ही पार्टी के जिम्मेदार नेताओं को भी दायित्व सौंपे। सीएम योगी ने मिल्कीपुर में भाजपा के प्रचार अभियान की देखरेख के लिए आधा दर्जन मंत्रियों को भी लगाया।
मिल्कीपुर में भाजपा ने बूथ लेवल पर सघन अभियन चलाकर जमीनी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया। बेहतर बूथ प्रबंधन का असर 5 फरवरी को मतदान के दिन भी दिखा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने एक-एक वोट को पोल कराया। कुल मिलाकर सबकी रणनीति और बेहतर समन्वय से ऐसा माहौल बना कि शनिवार को भाजपा ने पहले चरण से आखिरी चरण तक बढ़त बनाए रखी और अंतत: मिल्कीपुर में ऐतिहासिक जीत हासिल की। चंद्रभानु पासवान की जीत को मिल्कीपुर में भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। इससे भी बढ़कर इसे अयोध्या की फैजाबाद लोकसभा सीट पर पिछले साल मिली हार के 'बदले' के तौर पर भी देखा जा रहा है।