दिनभर बारिश ने हर ओर पानी-पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त
बुधवार को जिले में बारिश ने जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया। अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस रहा और करीब 30 एमएम बारिश हुई। किसानों को चारा लाने में कठिनाई हो रही है। अचानक मौसम में बदलाव से बुखार के...
जिले में बुधवार को दिनभर बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। हालांकि बारिश से मौसम सुहाना बना रहा। एक बार फिर बारिश ने गंगा का जलस्तर बढ़ा दिया है। बुधवार को अधिकतम पारा 26.8 डिग्री सेल्सियस रहा और करीब 30 एमएम बारिश हुई। जिले में बुधवार तड़के से बारिश हो रही है। रिमझिम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। लेकिन शाम को झमाझम बारिश ने सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया। बुधवार को दिनभर रूक-रूक कर बारिश होती रही। इसके कारण लोगों को दैनिक कार्य करने में खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ा। नगीना मौसम वैधशाला के मौसम विशेषज्ञ सतीश कुमार ने बताया कि बुधवार को अधिकतम पारा 26.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम पारा 22.2 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि करीब तीस एमएम बारिश रिकार्ड की गई।
किसानों के लिए परेशानी बनी बारिश
किसानों के लिए बारिश अब परेशानी का सबब बनने लगी है। किसानों की माने तो दो दिन की बारिश से पहले की खेतों में पानी भरा हुआ है। जबकि अब फिर से बारिश शुरू हो गई है। इसके कारण उनको पशुओं का चारा लाने तक में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम बदलने से बुखार के मरीज बढ़े
जिले में लगातार लंबे समय से लोग उमस भरी गर्मी झेल रहे थे। लेकिन दो दिनों की बारिश ने अचानक मौसम बदल दिया। इसके बाद फिर से बुधवार को बारिश शुरू हो गई। अचानक मौसम बदलने से बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सरकारी और निजी अस्पतालों में बुखार के मरीज आ रहे है।
गंगा का जलस्तर बढ़ा
बुधवार को फिर से बारिश शुरू हुई तो गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा। बुधवार शाम को गंगा को लेवल 219.50 मीटर पहुंच गया, जो खतरे के निशान से मात्र 50 सेमी दूर है। जबकि गंगा का जलस्तर 80 हजार क्यूसेक है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन ब्रजेश कुमार ने बताया कि बारिश के चलते जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ते ही गंगा किनारे बसें गांवों के ग्रामीणों की चिंता बढ़ने लगी है।
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