गाड़ी छोड़ने के लिए मांगी पांच हजार घूस, ARTO समेत चार को तीन-तीन साल की कैद और जुर्माना
वाहन छोड़ने के बदले रिश्वत लेने के 25 साल पुराने मामले में कानपुर के तत्कालीन एआरटीओ अनिल गोविल, सिपाही साबिर अली, अयूब खान और सरनजीत सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अदालत के विशेष न्यायाधीश ने तीन-तीन साल की कैद और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
वाहन छोड़ने के बदले रिश्वत लेने के 25 साल पुराने मामले में कानपुर के तत्कालीन एआरटीओ अनिल गोविल, सिपाही साबिर अली, अयूब खान और सरनजीत सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अदालत के विशेष न्यायाधीश ने तीन-तीन साल की कैद और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इसी मामले में आरोपित रहे श्याम सुंदर पांडेय को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। आरोपित रहे सिपाही सीएस ऐंसन की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी, लिहाजा उनके खिलाफ मामला बंद कर दिया गया।
कोर्ट में सरकारी वकील ने बताया कि मथुरा निवासी ब्रजेश शर्मा ने कानपुर विजिलेंस के एसपी से 17 जून 1999 को शिकायत की थी कि उनकी बहन आमोद शर्मा का एक टैंकर है, जो आरटीओ मथुरा में पंजीकृत है। टैंकर मथुरा रिफाइनरी से पीडब्ल्यूडी के लिए तारकोल लेकर कानपुर गया था और पीडब्ल्यूडी परिसर में ही खड़ा था। 9 जून 1999 को ड्राइवर मटरू किसी काम से निकला था और क्लीनर धनपाल गाड़ी की देखभाल कर रहा था।
तभी कानपुर नगर के तत्कालीन एआरटीओ अनिल गोविल अपने प्रवर्तन दल के साथ आए और टैंकर को जब्त कर काकादेव थाने में खड़ा करा दिया। क्लीनर ने एआरटीओ और उनकी टीम से कहा कि टैंकर के सभी कागजात ड्राइवर की जानकारी में हैं और उसके आने के बाद दिखा देंगे पर उसकी बात को अनसुना कर गाड़ी सीज कर दी।
जानकारी होने पर ब्रजेश शर्मा ने 11 जून 1999 को मथुरा आरटीओ कार्यालय जाकर गुड्स टैक्स जमा किया तथा क्लियरेंस प्रमाणपत्र लिया और 16 जून को कानपुर के एआरटीओ अनिल गोविल से मिलकर उसे सारे कागजात दिखाकर टैंकर को छोड़ने का अनुरोध किया। आरोप लगाया गया कि आरोपित एआरटीओ अनिल गोविल ने कागजात के आधार पर टैंकर को छोड़ने से इनकार कर दिया और पैसे देने के लिए सिपाही सीएस ऐंसन से मिलने की हिदायत दी।
इस पर वह प्रवर्तन दल से मिला, जहां आरोपित सिपाही सरनजीत सिंह, सीएस ऐंसन, साबिर अली, अयूब खान और श्याम सुंदर पांडेय ने वादी से गाड़ी छोड़ने के बदले एआरटीओ के लिए पांच हजार रुपये मांगे।
इस शिकायत पर विजिलेंस के एसपी ने एक टीम गठित की और उसी दिन 17 जून को आरटीओ कार्यालय परिसर से रिश्वत के पांच हज़ार रुपये लेते हुए आरोपित और आरटीओ प्रवर्तन दल के सिपाही अयूब खान, साबिर अली और सरनजीत सिंह को गिरफ्तार करके रिश्वत के रुपये बरामद किए थे।