UP Weather: यूपी में कड़ाके की ठंड के बीच मौसम विभाग ने दी थोड़ी राहत की खबर, लेकिन बारिश भी होगी
कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे लोगों को अगले दो से तीन दिनों में मौसम में होने वाला बदलाव एक तरफ जहां थोड़ी राहत देगा तो वहीं दूसरी तरफ थोड़ी मुसीबत बढ़ा भी देगा।
कड़ाके की ठंड में ठिठुर रहे लोगों को अगले दो से तीन दिनों में मौसम में होने वाला बदलाव एक तरफ जहां थोड़ी राहत देगा तो वहीं दूसरी तरफ थोड़ी मुसीबत बढ़ा भी देगा। हिमालय क्षेत्र में नया पश्विमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है जिसके असर से मुरादाबाद समेत पश्चिमी यूपी के कई इलाकों में बारिश होने के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ के चलते रात का न्यूनतम तापमान भी थोड़ा बढ़ेगा जिससे कड़ाके की ठंड से कुछ राहत महसूस होगी।
नए साल की आमद के साथ कड़ाके की ठंड का जो दौर शुरू हुआ वह कमोबेश जारी है। सर्दी के मौजूदा सीजन में ठिठुरन भरी ठंड की दस्तक दिसंबर के आखिर में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से पहाड़ों पर हुई बर्फबारी और मैदानों में हुई बारिश के चलते हुई थी। अब एक नया पश्चिमी विक्षोभ 11 जनवरी को मुरादाबाद समेत पश्चिमी यूपी में दस्तक देने जा रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के नजदीक पहुंचने पर मुरादाबाद में रात के न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं जिसके चलते ठंड की ठिठुरन में थोड़ी कमी आएगी।
ग्यारह जनवरी को आसमान में बादल छाए रहेंगे और कई इलाकों में हल्की से मद्धम बारिश होगी। कहीं-कहीं तेज हवा के साथ बारिश होने के आसार हैं। बारह जनवरी को भी कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी या मामूली बारिश हो सकती है। आसमान में बादल छाने और बारिश के चलते दिन के अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के निष्क्रिय हो जाने पर पहाड़ों से बर्फीली हवा चलना शुरू होगी जिसके चलते रात के न्यूनतम तापमान में फिर से गिरावट आ जाएगी।
आसार:अभी नहीं टूटेगा पिछले साल की ठंड का रिकार्ड!
मुरादाबाद। मौसम विभाग ने वर्ष 2024 को पिछले करीब डेढ़ सौ सालों का सबसे गर्म साल घोषित किया था, लेकिन, पिछले साल जनवरी में पड़ी ठंड ने बरसों के रिकार्ड तोड़ दिए थे। मौसम विभाग का संकेत है कि वर्तमान में शीतलहर के हालात बने हुए हैं, लेकिन, पिछले साल जितनी ठंड पड़ने के आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं। पिछले साल जनवरी के अधिकांश दिनों में दिन का अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ था। अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस भी पहुंच गया था।