एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी जेडीयू ने इससे पहले कहा था कि यूसीसी को सुधार के उपाय के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि राजनीतिक साधन के रूप में। टीडीपी ने कहा कि इसपर बैठकर चर्चा की जानी चाहिए।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को यूसीसी के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने इसे केंद्र सरकार का पूरी तरह एकतरफा और जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया।
हिमंता बिस्व सरमा सरकार ने ऐलान किया है कि इसी वित्त वर्ष में असम की विधानसभा में बहुविवाह के खिलाफ विधेयक लाया जाएगा। उन्होंने कमीशन की रिपोर्ट के बाद यह ऐलान किया है।
Uniform Civil Code: संघ परिवार का मानना है कि राज्य यूसीसी को अपने दम पर लागू कर सकते हैं। सूत्र ने कहा, "इसे अगले कार्यकाल में लिया जा सकता है, लेकिन प्राथमिकता इसे राज्यों में लागू करने की है।''
गुंटूर के मंगलागिरी में टीडीपी कार्यालय में मुस्लिम समूहों के साथ आयोजित एक अलग बैठक में चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसा कोई निर्णय नहीं लेगी जो मुसलमानों की भावनाओं के खिलाफ हो।
कांग्रेस ने शनिवार को बंद कमरे में यूसीसी को लेकर बैठक की। एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अगर सरकार यूसीसी का ड्राफ्ट बिल लाती है तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी।
केरल के राज्यपाल ने आगे कहा, “आज की स्थिति इतनी गंभीर है कि, यदि अदालत मेरे पक्ष में आदेश देती है तो मुझे खुशी होगी, लेकिन यदि नहीं तो लोग आरोप लगाते हैं कि उनकी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।"
खास बात है कि महिलाओं के सामने UCC का जिक्र नहीं किया गया था और सिर्फ एक समान कानून को लेकर सवाल पूछा गया था। इस दौरान अशिक्षित से लेकर पीजी तक की कई महिलाएं बातचीत का हिस्सा बनीं।
देश भर में सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून बनाने के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की तैयारी है। इस बीच आदिवासियों समाज को अपवाद के तौर पर छूट देने के भी सुझाव आ रहे हैं। RSS ने भी ऐसी ही सलाह दी है।
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष आजाद ने कहा, ‘‘यूसीसी को लागू करने का सवाल ही नहीं है। यह अनुच्छेद-370 को निरस्त करने जितना आसान नहीं है। सभी धर्म इसमें शामिल हैं।
समान नागरिक संहिता पर आगे बढ़ने की दिशा में यह केंद्र सरकार की ओर से पहला गंभीर कदम है। पीएम मोदी ने भोपाल में भाजपा के बूथ कार्यकर्ताओं से अपने संवाद में समान नागरिक संहिता की वकालत की थी।
पलानीस्वामी ने कहा, 'अभी कोई चुनाव नहीं है। चुनाव होने में एक साल बाकी है, कोई जल्दी नहीं है। चुनाव के समय निश्चित रूप से हम आपको बताएंगे कि हम किन पार्टियों के साथ गठबंधन कर रहे हैं।'
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईआईटी गुवाहाटी के दीक्षांत समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि अब यूसीसी को लागू करने का समय आ गया है और इसें देरी नहीं होनी चाहिए।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अनुच्छेद 370 कश्मीर से जुड़ा हुआ एक मामला था जो भारत के एक भू-भाग को प्रभावित करता था। इसी तरह राम मंदिर बन रहा है उससे भी पूरे देश की जनता प्रभावित नहीं हो रही है।
धनखड़ ने कहा, ‘‘यह संविधान के निर्माताओं की सोच थी। इसे लागू करने का वक्त आ गया है । कोई बाधा या और विलंब नहीं हो सकता।’’ उपराष्ट्रपति IIT गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लेकर आम आदमी पार्टी के अंदर एकमत नहीं कायम हो पा रहा है। कुछ दिन पहले दिल्ली में आप नेता संदीप पाठक ने यूसीसी का समर्थन किया था। अब मान ने विरोध किया है।
समान नागरिक संहिता को जल्दी से पूरे देश में लागू करना चाहिए। इस फैसले में भले ही देरी हो रही है, लेकिन यह देश हित में है। सभी को समर्थन करना चाहिए। केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने यह बात कही है।
यूसीसी को लेकर लॉ पैनल की बैठक में अध्यक्ष सुशील मोदी ने कहा कि आदिवासियों को यूसीसी से छूट मिलनी चाहिए। बहुत सारे ऐसे कानून हैं जिनमें अपवाद होता है।
यह देखना अभी बाकी है कि SGPC और अकाल तख्त सहित प्रमुख सिख निकाय या संस्थान इस घोषणा पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। UCC और संबंधित मुद्दों पर SGPC, SAD या अकाल तख्त जत्थेदार द्वारा अभी चर्चा की जानी है।
2011 की जनगणना के अनुसार, मिजोरम, नागालैंड और मेघालय में ST आबादी क्रमशः 94.4%, 86.5% और 86.1% है।पूर्वोत्तर के ST समूहों का चिंता है कि अगर UCC लागू हुई तो उनके विविध रीति-रिवाजों पर आक्रमण होगा।
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी समान नागरिक संहिता पर 15 जून को पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है और यूसीसी को लेकर कांग्रेस के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है।
कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और हिमाचल प्रदेश की सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इसका समर्थन किया है। हालांकि, उन्होंने भाजपा को इस मामले पर प्रोपेगेंडा नहीं करने की नसीहत भी दी है।
हालांकि, एनपीपी प्रमुख ने कहा कि यूसीसी ड्राफ्ट की वास्तविक सामग्री देखे बिना इसके बारे में और कुछ भी कहना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि बेशक, हम नहीं जानते कि अगर बिल आएगा तो किस तरह का होगा।
uniform civil code in india: बलवंत जैन के अनुसार, यदि UCC में कोई विशेष प्रावधान नहीं किए गए तो इसके लिए आयकर अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता हो सकती है।
UCC Impact on Personal Laws: पारसी मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट, 1936 के तहत कहा गया है कि अगर कोई भी पारसी महिला किसी अन्य धर्म में शादी करती है, तो वह पारसी परंपराओं से जुड़े सभी अधिकार खो देगी।
उत्तराखंड में लागू होने वाली समान नागरिक संहिता में महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने का फैसला हो सकता है। इसके तहत किसी भी धर्म की महिला को परिवार और माता-पिता की संपत्ति में बराबर का हक मिलेगा।
समान नागरिक संहिता पर छिड़ी बहस अब संसद में पहुंच सकती है। कानूनी मामलों की संसदीय समिति ने इस मसले पर चर्चा के लिए 3 जुलाई को विधि आयोग और कानून मंत्रालय के अधिकारियों की एक मीटिंग बुलाई है।
यूसीसी लंबे समय से भाजपा के तीन प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक रहा है, जिसमें दो मुद्दे जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाना और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शामिल है।
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में एक हाईलेवल मीटिंग हुई है। यह मीटिंग करीब 5 घंटे तक चली और कहा जा रहा है कि इसमें समान नागरिक संहिता के मसले पर भी लंबा मंथन हुआ।
भाजपा सरकार ने समान नागरिक संहिता पर विचार के लिए एक समिति का गठन किया था। यह समिति अगले दो से तीन सप्ताह के अंदर अपनी सिफारिशें दे सकती है। इसके बाद राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा।