जब तक इस्लाम है, आतंकवाद रहेगा : तसलीमा
शब्द : 285 -------------------- -समान नागरिक संहिता को किसी भी सभ्य देश के लिए

शब्द : 285 -------------------- -समान नागरिक संहिता को किसी भी सभ्य देश के लिए जरूरी बताया नई दिल्ली, एजेंसी निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा कि जब तक इस्लाम है, तब तक आतंकवाद रहेगा। दिल्ली साहित्य महोत्सव में एक सत्र को संबोधित करते हुए तसलीमा ने कहा कि इस्लाम 1400 साल में विकसित नहीं हुआ। जब तक यह विकसित नहीं होगा, यह इसी तरह आतंकवाद को पोषित करता रहेगा। बांग्लादेशी लेखिका ने पहलगाम आतंकी हमले की 2016 के ढाका में हुए हमले से तुलना करते हुए कहा कि ढाका में भी कलमा न पढ़ पाने पर कई मुसलमानों का कत्ल कर दिया गया था।
नसरीन ने कहा कि जब आस्था को तर्क व मानवता पर हावी होने दिया जाता है तो ऐसा ही होता है। उन्होंने कहा कि जब तक इस्लाम है, तब तक आतंकवाद रहेगा। तसलीमा ने कहा कि यूरोप में विभिन्न चर्च को संग्रहालय में बदल दिया गया लेकिन मुसलमान हर जगह मस्जिद बनाने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि मदरसे नहीं होने चाहिए और बच्चों को सभी किताबें पढ़नी चाहिए। वर्ष 1994 से बांग्लादेश से निर्वासित लेखिका ने कहा कि वह अमेरिका की स्थायी नागरिक हैं और वहां दस साल तक रहीं लेकिन फिर भी उन्हें बाहरी होने का अहसास होता रहा। उन्होंने कहा कि भारत ने उन्हें अपनेपन का अहसास कराया जो उनको अपना देश भी नहीं दे सका। नसरीन ने समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा कि भारत सहित सभी सभ्य देशों में इस संहिता का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि संस्कृति, धर्म या परंपरा के नाम पर महिला की सुरक्षा से समझौता हो तो उस संस्कृति पर प्रश्न उठाना चाहिए। एक समाज जो अपनी आधी आबादी का संरक्षण नहीं कर सकता, वह एक विफल समाज है।
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