Hindi Newsधर्म न्यूज़Somvati Amavasya 2024: How to do pooja on Somwati Amavasya Upay pooja vidhi

Somwati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या के दिन कैसे करें पूजा, जानें उपाय व महत्व

  • Somvati Amavasya 2024: 30 दिसंबर को सोमवती अमावस्या पर वृद्धि योग बन रहा है। वहीं, मूल नक्षत्र इस दिन को और भी पवित्र बनाता है। इस संयोग में किए गए धार्मिक कार्य और पूजा अत्यधिक फलदायी होते हैं। इस दिन जरूर करें ये खास उपाय-

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 21 Dec 2024 08:39 PM
share Share
Follow Us on

Somvati Amavasya 2024: हिंदू धर्म में अमावस्या के दिन का विशेष महत्व होता है। खासकर जब यह सोम यानी सोमवार के दिन पड़ती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन वृद्धि योग और मूल नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जो इसे और भी फलदायी बना रहा है। इसे सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। पंचांग अनुसार, 30 दिसंबर को सोमवती अमावस्या पर वृद्धि योग बन रहा है। वहीं, मूल नक्षत्र इस दिन को और भी पवित्र बनाता है। इस संयोग में किए गए धार्मिक कार्य और पूजा अत्यधिक फलदायी होते हैं। यह योग धन-धान्य, समृद्धि और परिवार के कल्याण के लिए श्रेष्ठ माना गया है।

ये भी पढ़ें:अमावस्या के दिन क्या करना शुभ माना जाता है?

सोमवती अमावस्या उपाय: ऐसा माना जाता है कि पीपल में सभी देवताओं का वास होता है। महिलाएं इस दिन पीपल के वृक्ष की परिक्रमा कर सुख-समृद्धि और परिवार की लंबी आयु की कामना करती हैं। थाल में दीप, कच्चा दूध, गंगाजल और अक्षत लेकर वृक्ष की पूजा करें। पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और गंगाजल अर्पित करें। पीपल को कच्चा दूध, जल, हल्दी और चावल अर्पित करें। वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें। वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें। सुख-समृद्धि की मंगल कामना करें।

सोमवती अमावस्या के दिन कैसे करें पूजा: प्रात: काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। गणेश जी को प्रणाम करें। विष्णु जी और शिव जी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। अब प्रभु को चंदन और पुष्प अर्पित करें। दीपक प्रज्वलित करें। चालीसा का पाठ करें। पूरी श्रद्धा के साथ विष्णु जी की आरती करें। तुलसी दल सहित भोग लगाएं। अंत में क्षमा प्रार्थना करें। ॐ नम: शिवाय या ॐ विष्णवे नम: का जाप करें। अंत में हाथ जोड़कर परिवार की सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करें।

ये भी पढ़ें:सोमवती अमावस्या आज, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

पितृ तर्पण और दान का महत्व: इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना और दान देना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। गायों को चारा खिलाना, गरीबों को भोजन कराना और कपड़े या धन का दान करना पुण्यकारी होता है। पीपल वृक्ष की पूजा, पितृ तर्पण और दान-पुण्य से न केवल सुख-समृद्धि प्राप्त होगी, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक संतोष भी मिलेगा।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें