आज सकट चौथ है। हिंदू धर्म में माघ महीने में पड़ने वाली चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। इसे सकट चौथ के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान गणेश का व्रत और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन को संकट चौथ, तिलकुट चौथ या संकष्टी चतुर्थी नामों से भी जाना जाता है।
सकट चौथ का व्रत भगवान श्रीगणेश को समर्पित माना गया है। आज के दिन व्रती महिलाएं संतान की लंबी आयु की कामना करती हैं। सकट चौथ का व्रत भगवान श्रीगणेश के पूजन के साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही संपूर्ण माना जाता है।
सकट चौथ के दिन माताएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। सकट चौथ का व्रत चांद को अर्घ्य देने के बाद ही पूर्ण होती है। आइए जानते हैं, आज कब निकलेगा चांद-
सकट चौथ व्रत के दौरान मांगी गई मन की मुराद पूरी होती है। चंद्रमा की पूजा के बाद ही सकट चौथ का व्रत पूर्ण होता है। आइए जानते हैं, यूपी, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश में कब होगा चंद्रोदय टाइम-
Moon Rise Time Chand Kab Niklega :सकट चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है। करवा चौथ के चांद की तरह ही व्रती महिलाओं को आज चांद के दीदार का बेसब्री से इंतजार रहता है।
Today Sakat chauth vrat moon time 2025: सकट चौथ के दिन चंद्र दर्शन अत्यंत शुभ माना गया है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही सकट चौथ व्रत पूर्ण होता है। जानें आपके शहर में आज चांद कब दिखेगा-
माघ के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत रखा जाता है। यह व्रत महिला, पुरुष अथवा विद्यार्थी सभी के लिए समान रूप से फलदायी माना गया है। सकट चौथ का व्रत चांद को अर्घ्य देने के बाद ही पूर्ण माना जाता है।
Moon Rise Time Today Aaj Chand Kab Niklega : करवा चौथ के चांद की तरह ही व्रती महिलाओं को सकट चौथ का इंतजार रहता है। आइए जानते हैं आज दिल्ली- एनसीआर में कब होंगे चांद के दर्शन...
Sakat chauth moon rise time today: आज देशभर में सकट चौथ का व्रत मनाया जा रहा है। इस व्रत में माताएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं। आपको भी चांद का इंतजार रहेगा, ऐसे में आप यहां पढ़ें आपके शहर में कब निकलेगा चांद
Sakat Chauth 2025 Moonrise Time: आज 17 जनवरी 2025 को सकट चौथ व्रत है। इस दिन संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए माताएं निर्जला व्रत रखती हैं और चांद को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं।