Gujarat by election result 2024: गुजरात की एक सीट पर विधानसभा उपचुनाव हुए थे। आज वाव विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ रहे हैं। स्वरूप ठाकोर और गुलाब सिंह के बीच कड़ी टक्कर है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार पर बीजेपी का खर्च कांग्रेस से दोगुना रहा था। बीजेपी ने जहां 210 करोड़ रुपये खर्च किए, वहीं कांग्रेस ने 103 और आम आदमी पार्टी ने करीब 34 कोरड़ रुपये खर्च किए थे।
पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनावों के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। इन चुनावों में भाजपा ने राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 156 पर जीत दर्ज की थी।
2022 के चुनाव में तीनों पार्टियों ने मुसलमानों को बहिष्कृत या हाशिए पर रखा है। जैसे ही गुजरात में भाजपा का प्रभुत्व हुआ है, कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के बीच मुसलमानों का अनुपात भी आधा कर दिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई इस बैठक में गुजरात के अपने प्रमुख चेहरों के साथ राज्य में आम आदमी पार्टी के भविष्य और आने वाले 2024 लोकसभा चुनावों के लिए चर्चा की गई।
ऐसा लगता है कि भाजपा का 1+4 फॉर्मूला लिटमस टेस्ट पास कर चुका है। हालांकि, यह देखा जाना बाकी है कि लो-प्रोफाइल पटेल अपनी दूसरी पारी में आसानी से खेल पाएंगे या नहीं।
आदमी पार्टी के विधायक भूपेंद्र भयाणी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों के बीच भयाणी ने लोगों को अश्वस्त किया कि वो आम आदमी पार्टी छोड़कर किसी पार्टी में नहीं शामिल होने जा रहे हैं।
पीएम मोदी की तारीफ करते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक ने कहा, ''पीएम मोदी देश का गौरव हैं। गुजरात की जनता को उन पर गर्व है और मुझे भी उनपर गर्व है। मैं पहले बीजेपी में ही था और बीजेपी मेरा परिवार है।''
Criminal Cases on Gujarat MLAs: गुजरात के 40 विधायकों के खिलाफ क्रिमनल केस हैं। इन 40 विधायकों में से 29 (16 फीसदी) हत्या और दुष्कर्म की कोशिश जैसे गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'मेरी समझ में कांग्रेस को गुजरात में कोई खास अपेक्षा नहीं थी। मेरा मानना है कि पार्टी को हर चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए और युद्ध के मैदान में हर उपलब्ध संसाधन- मानव, सामग्री
उन्होंने कहा, ''मेरा यह भी मानना है कि कड़े मुकाबले वाले चुनाव में खामोशी से चुनाव प्रचार करने जैसी कोई चीज नहीं होती। गुजरात चुनाव में मिली हार से सबक सीखे जाने की आवश्यकता है।''
गुजरात चुनाव पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का बयान आया है। गुजरात में आम आदमी पार्टी अपनी जीत का दावा कर रही थी जिस पर जवाब देते हुए भगवंत मान ने कहा कि, कोहली भी रोज सेंचुरी नहीं मारता है।
आंकड़ों को और करीब से देखने पर पता चलता है कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के टोटल वोट मिला दिए जाएं फिर भी भारतीय जनता पार्टी 123 सीटों पर जीत दर्ज कर गुजरात में सरकार बना लेती।
AAP Gujarat Election Seats: आम आदमी पार्टी (AAP) ने पहली बार गुजरात में तेज-तर्रार तरीके से चुनाव लड़ा है, जिसकी वजह से 12 फीसदी वोट हासिल करना बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
उन्होंने कहा, ''उस समय मैं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़ा हुआ था। लेकिन यहां जदयू को कौन जानता है? कोई नहीं। यह तो होना ही था।'' उन्होंने कहा कि पार्टी ने लगभग आधे दर्जन उम्मीदवार को टिकट दिया था।
बीजेपी ने यह भी साफ कर दिया कि पार्टी का भूपेंद्र पटेल पर भरोसा आगे भी कायम रहने वाला है। राज्य इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल ने कहा, ''भूपेंद्र पटेल राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।''
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए गुजरात चुनावों के को-इंचार्ज राघव चड्ढा ने बीजेपी को याद दिलाते हुए कहा, वो दो इलेक्शन, दिल्ली का एमसीडी चुनाव और हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।
अल जजीरा ने लिखा कि भाजपा 1995 के बाद से पश्चिमी औद्योगिक राज्य गुजरात में एक भी विधानसभा चुनाव नहीं हारी है। 2002 के घातक गुजरात दंगों के बाद मोदी ने खुद को हिंदू चैंपियन के रूप में पेश किया है।
एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं को संबोधित कर रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह करते हुए सुनाई दे रहे हैं कि जिस तरह की एंटी-इनकंबेंसी इस बार गुजरात में थी, उतनी कभी नहीं देखी थी।
रिवाबा को गुजरात विधानसभा में जामनगर की सीट मिली थी और यहां रिवाबा ने भारी मतों से जीत हासिल की। चुनाव आयोग के अनुसार रिवाबा को 88110 मिले और उन्होंने 53570 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
गुजरात में चली भारतीय जनता पार्टी की आंधी में कांग्रेस महज 17 सीटों पर सिमट गई है। गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणामों की इस आंधी में कांग्रेस ने 2017 में जीती चार एससी सीटों में से दो गंवाई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कागज पर लिखकर दे दिया था कि उनकी पार्टी 92 से अधिक सीटों पर जीतने जा रही है। लेकिन उनका अनुमान पूरी तरह गलत साबित हुआ।
एग्जिट पोल भारत में अक्सर चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करते समय गलत हो जाते हैं क्योंकि इस खेल में कई जटिल कारक होते हैं।मतदाता जब पोलिंग बूथ से बाहर निकलते हैं, तब उनसे बातचीत कर इसका अनुमान लगाते है
बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले शिवसेना (उद्धव खेमा) के फायरब्रांड नेता संजय राउत ने दोनों नतीजों को लिंक किया है। उन्होंने दावा किया कि गुजरात और दिल्ली को लेकर बीजेपी और आप ने समझौता किया था।
भारतीय जनता पार्टी ने इन चुनावों दाहोद जिले की लिमखेड़ा सीट पर भी जीत दर्ज की है। दाहोद जिले की इस विधानसभा में ही 2002 दंगों की पीड़िता बिलकिस बानों रहा करती थी। कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर रही।
BJP के लिए गुजरात की जीत और हिमाचल का झटका नई उम्मीदों के साथ भविष्य की चुनौतियों के भी संकेत हैं। यह न केवल आने वाले साल में 9 राज्यों के विस चुनाव पर असर डालेंगे, बल्कि लोस चुनाव तक इसका असर जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनाव में 156 सीटों पर विजेता घोषित होकर न सिर्फ ऐतिहासिक जीत दर्ज की, बल्कि बड़े अंतर से अच्छी-खासी संख्या में सीट हासिल कर कुछ और रिकॉर्ड भी तोड़े।
बोरसद विधानसभा सीट पर भाजपा के रमनभाई सोलंकी ने जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के राजेंद्रसिंह परमार को हराया। मुकाबला टक्कर का था। लेकिन करीब दस हजार से ज्यादा वोटों से भाजपा की जीत हुई।
पीएम ने कहा कि आज भी देश की जनता का भरोसा सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर है। मैं बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स को भी याद दिलाना चाहता हूं कि चुनाव में भाजपा ने कहा था कि विकसित भारत से विकसित गुजरात का निर्माण।
आज भी देश की जनता का भरोसा सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर है। मैं बड़े-बड़े विशेषज्ञों को भी याद दिलाना चाहता हूं कि गुजरात के चुनाव में भाजपा ने कहा था कि विकसित भारत से विकसित गुजरात का निर्माण।