नागपुर पहुंचने पर गांधी सबसे पहले दीक्षाभूमि गए। दीक्षाभूमि वह ऐतिहासिक स्थल है, जहां संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने 1956 में बौद्ध धर्म अपनाया था। इसके बाद राहुल ने ओबीसी सम्मेलन में भाग लिया।
राहुल गांधी ने कहा कि देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की कृत्रिम बाधा को खत्म किया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से यह क्यों नहीं कहा कि वह भारत में भेदभाव के विचार को चुनौती देना चाहते हैं।
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को पत्र लिखकर डीजी से लेकर डीएम-एसपी और थानेदारों के पद पर एससी-एसटी की तैनाती का पूरा ब्योरा मांगा है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि बिहार के सीएम और जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार ही उन्हें इंडिया गठबंधन में लेकर आए थे लेकिन खुद भारतीय जनता पार्टी के साथ चले गए।
जनगणना में संप्रदाय भी इस बार पूछा जाएगा। कबीरपंथी, रविदासी, दलित बौद्ध समेत देश के अलग-अलग राज्यों में कई संप्रदाय हैं। ऐसे में संप्रदाय भी राजनीति का एक बड़ा आधार हो सकता है। इस तरह कुल 30 सवाल जनगणना में पूछे जाएंगे। इससे पहले 2011 में 29 सवाल पूछे गए थे।
अब तक जनगणना में धर्म और वर्ग ही पूछा जाता था, लेकिन इस बार संप्रदाय भी बताना होगा। जातिगत जनगणना की मांग कई विपक्षी दलों और एनडीए के सहयोगी दलों ने भी की है। इस पर सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन संप्रदाय पूछने पर सहमति बन गई है।
देश की जनसंख्या का आधकारिक सर्वे 2025 में शुरू हो सकता है, जो साल 2026 तक जारी रहेगी। रिपोर्ट के अनुसार, जनगणना के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा। यह प्रक्रिया 2028 तक चल सकती है। कुछ समय पहले ही खबरें आई थीं कि सेंसस को लेकर सरकार की तरफ से तैयारियां जारी हैं।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कह कि अगर इस बार जनगणना होती है तो जातिगत जनगणना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जातिगत भेदभाव के चलते विकास के रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं।
गठबंधन के एक और सहयोगी चिराग पासवान भी ऐसी मांग करते रहे हैं। यूपी से अनुप्रिया पटेल, संजय निषाद और ओपी राजभर भी यह दोहरा चुके हैं। इस बीच एनडीए सरकार के सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी टीडीपी ने भी यह मांग दोहरा दी है। भाजपा का मातृ संगठन आरएसएस भी इसके पक्ष में बात रख चुका है।
भारत में जल्द ही जनगणना होने जा रही है। मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इसके संकेत दे दिए हैं। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में तारीख को लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा है। साथ ही उन्होंने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी चर्चा की।
खबर है कि मोदी सरकार भी इस विकल्प पर विचार कर रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि जनगणना के लिए काम शुरू हो चुका है और जल्दी ही इसकी प्रक्रिया का आधिकारिक ऐलान होगा। अभी सरकार इस बात को लेकर भी मानसिक रूप से तैयार है कि यदि जरूरी होगा तो जाति का कॉलम भी जनगणना के फॉर्म में दर्ज किया जाएगा।
Census: इस दशक की जनगणना का पहला चरण 1 अप्रैल, 2020 को शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। पिछले वर्ष संसद द्वारा पारित महिला आरक्षण अधिनियम का कार्यान्वयन भी जनगणना से जुड़ा हुआ है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने धार्मिक कट्टरता और उसकी वजह से होने वाली हिंसा से सावधान किया है। आरएसएस नेता ने गौरक्षकों द्वारा कानून हाथ में लेने पर कहा है कि ऐसा माहौल बनाने का प्रयास होना चाहिए जिसमें ना गाय की हत्या और ना आदमी की लिंचिंग।
जातीय जनगणना को लेकर छिड़े सियासी कोहराम के बीच यूपी में डोली उठाने, पानी भरने और सिंघाड़े की खेती करने वाले कहार समुदाय के लोग ओबीसी सूची से बाहर होना चाहते हैं। उनकी मांग है कि एससी-एसटी सूची में जगह दी जाए। इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
यूपी की योगी सरकार में सहयोगी सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर ने गुरुवार को दावा किया कि जाति जनगणना जरूर होगी। यह भी कहा कि पीएम मोदी ही जाति जनगणना कराएंगे।
आरएसएस के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने कहा, 'हमारे समाज में जाति संवेदनशील मुद्दा है। यह देश की एकता से भी जुड़ा हुआ सवाल है। इसलिए इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है, न कि चुनाव और राजनीति को ध्यान में रखकर।'
तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना और आरक्षण की मांग करते हुए बीजेप को घेरा, और कहा कि ये लोग आरजेडी पर लोगों को बांटने का आरोप लगाते हैं। मैं पूछता हूं कि लोग मिश्रा, यादव, सिंह, पाल कोई श्रीवास्तव सरनेम लगाता है। तो ये क्या लालू यादव और आरजेडी बनाया है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि आरक्षण के मसले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद घड़ियाली आंसू बहा रहा है। राजद का आरक्षण लालू परिवार तक ही सीमित रहा है। राजद आज आरक्षण के नाम पर दलितों, पिछड़ों व अतिपिछड़ों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
जातीय जनगणना कराने और बिहार में आरक्षण की सीमा को 65 बढ़ाए जाने के निर्णय को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आरजेडी पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर रही है। इस मौके पर तेजस्वी ने कहा कि हमारे रहते 17 महीने में जो कुछ वो 17 साल के एनडीए के कार्यकाल में क्यों नहीं हुआ।
RJD Protest On Caste Census : इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुलबारी सिद्दीकी, सांसद संजय यादव सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता, पार्टी के पदाधिकारी शामिल हुए।
जातीय जनगणना और बिहार में आरक्षण की सीमा 65 फीसदी किए जाने के फैसले को नौवीं सूची में शामिल करने की मांग को लेकर आरजेडी पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेगी। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद हल्ला बोलेगी।
UPA 2 के दौरान जब सरकार ने गरीबों के लिए अपनी योजनााओं का विस्तार करना चाहा तो गरीबी के स्तर का पता लगाने के लिए उसने शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस कराने का फैसला लिया। कुछ नियम तय किए गए थे जिनके तहत कुछ वर्गों को ऑटोमैटिक ही गरीबों की सूची में शामिल किया जाना था।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जाति और आरक्षण की लड़ाई और तेज होने वाली है। मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल ने 1 सितंबर को पूरे प्रदेश में बिहार आरक्षण कानून को 9नीं अनुसूची में डालने और जाति जनगणना कराने के मसले पर धरना-प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है।
टीएमसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने उनका समर्थन किया। सूत्रों ने बताया कि जेडीयू सदस्य गिरधारी यादव भी चाहते थे कि समिति द्वारा चर्चा के लिए 'जाति आधारित जनगणना' को भी मुद्दे के तौर पर सूचीबद्ध किया जाए। उन्होंने कहा कि इस पर प्राथमिकता के साथ बात होनी चाहिए।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष व राज्य के सीएम नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को बिना रीढ़ की हड्डी के सिद्धांतविहीन लोग बता दिया है।