मोदी के नाम खत पर बीजेपी का पलटवार; शाहनवाज बोले- तेजस्वी, राहुल,अखिलेश की राजनीति खत्म
शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि जातिगत जनगणना पर तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और अखिलेश यादव को बोलने या राजनीति करने का कोई हक नहीं है। इन लोगों में पीएम के कार्य पर क्रेडिट लेने की होड़ मची है।

जातीय जनगणना पर जारी क्रेडिट वार के बीच बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। पत्र के माध्यम से उन्होंने कई मांगें प्रधानमंत्री के सामने रखी। नेता प्रतिपक्ष के इस लेटरबाजी पर राजनीति तेज हो गई है। एनडीए के घटक दलों ने तेजस्वी यादव पर तंज कसा है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि जातिगत जनगणना पर तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और अखिलेश यादव को बोलने या राजनीति करने का कोई हक नहीं है। इन लोगों में पीएम के कार्य पर क्रेडिट लेने की होड़ मची है।
शाहनवाज हुसैन ने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के पास कुछ बच नहीं गया तो तेजस्वी यादव खत लिख रहे हैं। अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत। अब तेजस्वी कहेंगे-
मैंने प्रधानमंत्री को खत लिखा
खत में लिखा।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अब जातीय जनगणना पर उनकी जो राजनीति थी वह खत्म हो गया। उनके पाले में जातीय जनगणना की जो गेंद थी उसे बीजेपी के द्वारा छीन लिया गया है। जातिगत जनगणना पर राजनीति करने का हक ना तो राहुल गांधी को है ना तेजस्वी यादव और ना ही अखिलेश यादव को। इसकी चैंपियन बीजेपी बन गई है। भारतीय जनता पार्टी ने मास्टस्ट्रोक खेलकर इसका ऐलान कर दिया। ये लोग तो आन्दोलन की प्लानिंग बना रहे थे। पर इनके खाब धरे के धरे रह गए। खत लिखकर क्रेडिट लेना चाहते हैं पर कुछ होने वाला नहीं है। इस मुद्दे पर उनकी हर कोशिश बेकार जाएगी।
इधर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लगभग 100 वर्षों के बाद जातीय जनगणना हो रही है जिसका एलान पीएम नरेंद्र मोदी ने लिया। इससे कांग्रेस और राजद के हाथ से तोते उड़ गए हैं। 70 सालों तक केंद्र की राजनीति में रहे लेकिन जातीय जनगणना नहीं कराई। अब खीस मिटाने के लिए खत लिख रहे हैं। इनके हाथ में कोई मुद्दा नहीं बचा है। काम मोदी करवा रहे हैं तो क्रेडिट लेने की होड़ मची है।
गुरुवार को तेजस्वी यादव को ने जातीय जनगणना पर प्रधानमंत्री के नाम अंग्रेजी में पत्र लिखा। इस पत्र में पीएम से निजी क्षेत्र, न्यायपालिका, ठेकेदारी जैसे क्षेत्रों में संख्या आधारित आरक्षण की मांग की। उन्होंने जातीय जनगणना को देश में समानता लाने की दिशा में बड़ा कदम बताया।