'बंटेंगे तो कटेंगे' की जगह अब नया नारा क्या होगा? जाति जनगणना पर आरजेडी ने बीजेपी नेताओं को घेरा
मोदी सरकार के जाति जनगणना के फैसले पर राजद सांसज मनोज झा ने बीजेपी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि 'बंटेंगे तो कटेंगे' की जगह अब कौन सा नया नारा जगह लेगा। जो अब तक कहते थे कि अगर जाति जनगणना हुई तो जातिवाद का जहर फैल जाएगा।

केंद्र सरकार के जाति जनगणना कराने के फैसले को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। इस कड़ी में आरजेडी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने बीजेपी नेताओं पर तंज कसा है। उन्होने कहा कि मैं भाजपा के उन बड़े नेताओं के बारे में सोच रहा हूं, जो कहते थे कि अगर जाति जनगणना हुई तो जातिवाद का जहर फैल जाएगा। अब वो अपने बयान को कैसे छुपाएंगे? 'बंटेंगे तो कटेंगे' की जगह अब कौन सा नया नारा जगह लेगा।
मनोज झा ने कहा कि सरकार जाति जनगणना को लागू करने और संचालित करने के लिए एक समयसीमा या रोडमैप बनाए, जैसा कि मूल रूप से 2021 के लिए निर्धारित किया गया था। महिला आरक्षण और परिसीमन सहित कई मुद्दे सरकारी जनगणना से जुड़े हुए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि कई महत्वपूर्ण चीजों को एक साथ जोड़ दिया गया है। आरजेडी सांसद ने कहा कि जनगणना 2021 में होनी थी। चार साल हो गए हैं, और कोई पहल नहीं हुई है। जाति जनगणना, महिला आरक्षण और परिसीमन जनगणना से जुड़े हुए हैं। झा ने कहा, इसके लिए कोई समय सीमा या रोडमैप होना चाहिए।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी कह चुके हैं कि जातिगत जनगणना तो शुरुआत है, पिक्चर अभी बाक़ी है। उन्होने कई मुद्दे गिनाएं जिसमें पिछड़ों/अति पिछड़ों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र, निजी क्षेत्र में आरक्षण, ठेकेदारी में आरक्षण, न्यायपालिका में आरक्षण, मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू करेंगे, आबादी के अनुपात में आरक्षण देंगे, बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा और बिहार के लिए विशेष पैकेज शाामिल है।