Bird Flu In Patna: विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी पक्षियों में इन्फ्लूएंजा ए वायरस से फैलता है। मनुष्य में एच 5 एन 1 वायरस बर्ड फ्लू का कारण बनता है। यह पक्षियों से फैलनेवाला सबसे खतरनाक वायरस है। इस बीमारी से मनुष्य के फेफड़ा, सांस नली संक्रमित हो जाती है। इससे सांस लेने में तकलीफ होती है।
वाइल्ड बर्ड में पैरालाइसिस का अंदेशा जताते हुए बताया कि एहतियातन नजदीकी पोल्ट्री फॉर्म की मुर्गियों के सीरम की जांच कराई जाएगी, ताकि बर्ड फ्लू की जांच की जा सके। एहतियात के तौर पर ग्रामीणों के सहयोग से सभी मृत कौवों को गड्ढे में चूना का प्रयोग कर दफनाने की प्रक्रिया पूरी कराई गई।
बिहार के बाहर की लैब में सैंपल जांच के लिए भेजने और जांच रिपोर्ट आने में एक सप्ताह से अधिक समय लग जाता है। इस दौरान बीमारी बढ़ती जाती है और काफी नुकसान हो जाता है। इधर, विभागीय अधिकारी के अनुसार लैब स्थापित करने के लिए विभिन्न एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है।
बिहार के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील में अब बच्चों को शुक्रवार से अंडा की जगह मौसमी फल सेब या केला दिया जाएगा। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने बिहार समेत सभी राज्यों को बर्ड फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अलर्ट जारी किया है।
बर्ड फ्लू के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने बिहार समेत सभी राज्यों को अलर्ट किया है। इससे निबटने के लिए आवश्यक इंतजाम के निर्देश दिये हैं। जिलों को भी अलर्ट किया गया है।
इसके साथ ही सावधानी बरतने संबंधी चेतावनी भी दी गई है। सिविल सर्जन ने बताया कि प्रभावित इलाके में एहतियात के तौर पर लोगों, कर्मियों के बीच टेमिफ्लू और ओसेलामिवीर नामक एंटीवायरल दवाइयों का वितरण किया जाएगा। इसके पहले 27 फरवरी को जहानाबाद पुलिस लाइन के समीप मृत कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी।
जहानाबाद पुलिस लाइन में 10 दिन पहले दर्जनों कौवे मृत पाए गए थे। जांच में सामने आया है कि इनकी मौत बर्ड फ्लू की वजह से हुई थी। क्षेत्र में कौवों की मौत के बाद से दहशत का माहौल है।
केंद्र से लैब खोलने पर सहमति नहीं मिलने के बाद राज्य सरकार ने अपने स्तर से लैब खोलने का निर्णय लिया। पिछले साल बर्ड फ्लू जांच सहित पशु और पक्षियों की विभिन्न बीमारियों की जांच के लिए चार लैब स्थापित करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए लगभग 14 करोड़ राशि का भी प्रावधान किया गया।
यहां के नमूने की जांच राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल से कराई गई थी। रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार द्वारा निर्गत एवियन इनफ्लुएंजा की रोकथाम के लिए जारी एसओपी के तहत कार्रवाई की जा रही है।
सुपौल जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। अब रीपेड रिस्पांस टीम का गठन कर पक्षियों को मारने का काम शुरू कर दिया गया है। पटना से आई टीम ने इन्फेक्टेड पक्षियों के सैंपल लिए थे जिसमें पुष्टि हुई।