जान से जाएगा घुसपैठिया, LoC पर बीएसएफ ने की किलेबंदी; कई जगह बढ़ाए जवान
अधिकारियों का कहना है कि उत्तर कश्मीर में BSF की कई बटालियन तैनात हैं जिनका मुख्य उद्देश्य LoC की सुरक्षा और महत्वपूर्ण संस्थानों की रक्षा करना है।

पाकिस्तान के साथ बढ़ती तनातनी के बीच सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने उत्तर कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर दर्जनों अग्रिम चौकियों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, BSF किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है। हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी लॉन्च पैड्स पर सटीक हमले किए।
BSF भी मोर्चा संभाल रही
BSF ने बारामुला से उरी और कुपवाड़ा तक श्रीनगर-उरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर अतिरिक्त चेकप्वाइंट स्थापित किए हैं। फिलहाल उत्तर कश्मीर में LoC पर ज्यादातर अग्रिम पोस्ट्स और बंकरों पर सेना तैनात है, लेकिन कई संवेदनशील इलाकों में BSF भी मोर्चा संभाल रही है। उरी, नौगाम, तंगधार, केरन, गुरेज और करगिल सेक्टरों में सेना का वर्चस्व है।
BSF ने LoC से सटे अहम सड़कों और मार्गों पर जवानों की संख्या में भी बढ़ोतरी की है। बीते दो हफ्तों में पाकिस्तानी सेना की ओर से बार-बार सीजफायर उल्लंघन किया गया है, जिससे सीमा पर तनाव और अधिक बढ़ गया है। पहले 12 दिनों तक हल्की गोलीबारी हुई, लेकिन बीते दो दिनों से पाकिस्तानी सेना भारी तोपों से गोलाबारी कर रही है, जिसमें अब तक पुंछ में 13 लोगों की जान जा चुकी है और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
BSF का मुख्य काम- सीमा की रक्षा करना
उरी और तंगधार में कई तोप के गोले रिहायशी इलाकों में गिरे, जिससे कम से कम 15 नागरिक घायल हुए और दर्जनों मकान क्षतिग्रस्त हो गए। एक वरिष्ठ BSF अधिकारी ने बताया, “BSF उन सभी इलाकों पर बारीकी से नजर रख रही है, जहां वह तैनात है। खासकर उत्तर कश्मीर में घुसपैठ की आशंका को देखते हुए रोजाना तलाशी अभियान और गश्त चल रही है।” एक अन्य अधिकारी ने बताया, “जहां-जहां LoC पर सुरक्षा में कोई खाली जगह है, BSF उन्हें भर रही है। किसी टकराव की स्थिति में BSF का मुख्य काम होगा सीमा की रक्षा करना और घुसपैठ के रास्तों पर नजर बनाए रखना।” हालांकि इस वर्ष उत्तर कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशें कम रही हैं, लेकिन BSF ने कुपवाड़ा जिले में कई बार हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि उत्तर कश्मीर में BSF की कई बटालियन तैनात हैं जिनका मुख्य उद्देश्य LoC की सुरक्षा और महत्वपूर्ण संस्थानों की रक्षा करना है। उन्होंने बताया, “BSF को कश्मीर में काम करने का लंबा अनुभव है। 1990 और 2000 के दशक में वह आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी शामिल रही है। अब उसका मुख्य उद्देश्य घुसपैठ पर नजर रखना और LoC पर सप्लाई लाइन व रूट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।” गौरतलब है कि पहले BSF का बारामुला में अलग फ्रंटियर हेडक्वार्टर होता था और वह आतंकवाद विरोधी अभियानों में अग्रणी थी। लेकिन जब बाद में CRPF और पुलिस को कानून व्यवस्था और आतंकवाद रोधी जिम्मेदारी सौंपी गई, तब से BSF की तैनाती LoC और कुछ अहम ठिकानों तक सीमित हो गई है।