By Elections: राजस्थान में कांग्रेस एकला चलो की राह पर, हनुमान बेनीवाल को झटका
कांग्रेस राजस्थान विधानसभा उप चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी चुनाव अकेली लड़ेगी। उप चुनाव को लेकर कमेटी गठित कर दी है। बाप और आरएलपी को तगड़ा झटका दिया है।
कांग्रेस राजस्थान विधानसभा उप चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी चुनाव अकेली लड़ेगी। उप चुनाव को लेकर कमेटी गठित कर दी है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने आदेश जारी कर दिए है। पार्टी हनुमान बेनीवाल के सांसद बने से रिक्त हुई खींवसर पर अपना प्रत्याशी उतार सकती है। जबकि बाप सांसद राजकुमार रोत के इस्तीफे से खाली हु चौरासी सीट पर प्रत्याशी उतार सकता है। बता दें लोकसभा चुनाव में बाप और आएलपी के साथ कांग्रेस का गठबंधन था। लेकिन पार्टी के नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे। बता दें उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल 5 में से 2 सीटें कांग्रेस से मांग रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस ने कमेटी गठित कर साफ संकेत दे दिया है वह अपने सहयोगी दलों के लिए कोई सीट नहीं छोडे़गी। गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव को लेकर था।
झुंझुनू सीट पर सांसद बृजेंद्र सिंह ओला, प्रभारी महासचिव रामसिंह कस्वां, जिलाध्यक्ष दिनेश मूंड और विधायक मनोज मेघवाल को कमेटी में शामिल किया गया है, जबकि दौसा विधानसभा सीट पर सांसद मुरारीलाल मीणा, महासचिव पुष्पेंद्र भारद्वाज, जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओड और विधायक रफीक खान को कमेटी में जगह मिली है. इसी तरह देवली-उनियारा सीट पर सांसद हरिशचंद्र मीना, प्रभारी महासचिव प्रशांत शर्मा, जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद बैरवा और विधायक विकास चौधरी को कमेटी में शामिल किया गया है। खींवसर सीट के लिए जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत, विधायक डूंगरराम गेदर, सेवादल के मुख्य संगठक हेमसिंह शेखावत और एनएसयूआई के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी को जिम्मा दिया गया है। इस सीट से विधायक बनने के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने नागौर से सांसद का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। वे पहले भी खींवसर से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं।
डूंगरपुर जिले की चौरासी सीट पर प्रभारी उपाध्यक्ष रतन देवासी, जिलाध्यक्ष वल्लभराम पाटीदार, विधायक पुष्करलाल डांगी और पूर्व विधायक रामलाल मीना को जिम्मेदारी दी गई है। चौरासी सीट से विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत ने जीत दर्ज की थी। बाद में सांसद बनने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, राजस्थान की पांच विधानसभा सीट से विधायक चुने गए नेता लोकसभा चुनाव में उतरे और जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया। इसलिए अब झुंझुनूं, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर और चौरासी सीट पर उपचुनाव होने हैं। इन पांच में से तीन सीट कांग्रेस के खाते में थी। जबकि एक-एक सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारत आदिवासी पार्टी के खाते में थी।
यह चार सदस्यों की कमेटी संबंधित विधानसभा सीट पर संगठन की सक्रियता बढ़ाने की दिशा में काम करेगी। इस समिति में शामिल नेता ब्लॉक, मंडल और बूथ कांग्रेस कमेटियों की बैठक लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद करेंगे। जमीन पर मतदाताओं से संवाद और जुड़ाव के लिए यह कमेटी रणनीति तैयार कर संबंधित सीट पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की रूपरेखा तय करेगी।
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