आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत, राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ी राहत
- राजस्थान हाई कोर्ट ने रेप से दोषी मामले में आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी है। मंगलवार को जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर ने जमानत दी।
राजस्थान हाई कोर्ट ने रेप से दोषी मामले में आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी है। मंगलवार को जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर ने कहा कि आसाराम 31 मार्च 2025 तक जेल से बाहर रहकर अपना इलाज करवा सकेगा। इस दौरान उसे अपने किसी भी अनुयायी से मिलने की अनुमति नहीं होगी। न ही वे मीडिया में कोई बयान जारी सकेगा। 24 घंटे वह पुलिस पहरे में रहेगा और इलाज पूरा होने के बाद वापस जेल आएगा।
उल्लेखनीय है कि आसाराम के वकील आर. एस. सलूजा ने 8 जनवरी को हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए यह अर्जी दाखिल की थी, जिस पर आज 6 दिन बाद फैसला आया है। 86 साल के आसाराम को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिसमें हृदय रोग सबसे अहम है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और राजेश बिंदल की बेंच ने इसी को आधार मानते हुए अंतरित जमानत मंजूर की थी अब सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत की शर्तों पर राजस्थान हाई कोर्ट ने भी आसाराम को अंतरिम जमानत दे दी है।
बता दें आसाराम दो जघन्य मामलों में सजा काट रहा है। आसाराम को अपने आश्रम में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में 2013 में जोधपुर पुलिस ने इंदौर के एक आश्रम से गिरफ्तार किया था। लंबी सुनवाई के बाद आसाराम को 2018 में पॉस्को एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
दूसरा मामला आसाराम के गुजरात स्थित गांधीनगर आश्रम से जुड़ा है। जहां की एक महिला अनुयायी ने उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। सूरत की रहने वाली पीड़िता ने आसाराम पर 2013 में आश्रम में बार-बार उससे बलात्कार करने का आरोप लगाया था। गांधीनगर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद जनवरी 2023 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।