अखाड़ा पंचायत में दोनों को मेला क्षेत्र से बाहर निकाल दिया गया। साथ ही कौशल गिरी से कहा गया है कि वह लड़की को उसके मां-बाप को सौंप दें।
13 साल की उम्र में राखी उर्फ साध्वी गौरी गिरी के संन्यास की खबरें मीडिया में वायरल हो गईं। इसके बाद अखाड़ा थाने में पंचायत हुई।
राखी के परिवार के साथ उसकी बहन भी आई थी। वह अखाड़े में अपनी बड़ी बहन के साथ नजर आ रही थी।
इसके बाद राखी के परिवार ने उन्हें जूना अखाड़े के संत कौशल गिरी को सौंप दिया। कौशल गिरी ने उन्हें साध्वी गौरी गिरी का नाम दिया।
इस साल कुंभ मेले में आगरा के पेठा व्यापारी अपने परिवार के साथ आए थे। यहां पर उनकी बेटी राखी को अचानक संन्यास लेने की इच्छा हुई।
महाकुंभ में आई साध्वियां लोगों को आशीर्वाद दे रही हैं।
साध्वियों में कई नागा साधु भी हैं। यह भी पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ करती हैं।
छावनी प्रवेश के दौरान भी श्रद्धालुओं में साध्वियों को लेकर खास आकर्षण देखने को मिला।
महाकुंभ 2025 को लेकर तैयारियां आखिरी दौर में हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में संतों का जमावड़ा है। इसमें कई साध्वियां भी हैं।
अखाड़ों की बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है कि 22 साल की आयु से पहले महिलाओं को संन्यास की दीक्षा नहीं दी जाएगी।