16 देशों की साझेदारी से स्थापित इस नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस में विशाल लाइब्रेरी, एसी डाइनिंग हॉल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, खुद का बायोगैस बिजली संयंत्र और पेयजल संयंत्र बनाया गया है।
नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस में 3000 लोगों की क्षमता वाली अत्याधुनिक विशाल लाइब्रेरी है, जिसमें 3 लाख किताबें रखी जा सकेंगी।
नालंदा यूनिवर्सिटी में 24 बड़ी इमारतें, 450 की क्षमता वाला निवास हॉल और हर क्लस्टर में 80 से 100 विद्यार्थियों को शिक्षा देने की सुविधा मिलेगी।
नालंदा यूनिवर्सिटी परिसर में जैविक खेती की जाएगी। यहां पारंपरिक आहर-पइन जल नेटवर्क बनाया गया है। इसके अलावा सोलर फार्म, ऑक्यूपेसी सेंसर के साथ प्राकृतिक प्रकाश एकीकरण की सुविधा है।
नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस की नींव सितंबर 2014 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रखी थी। उनकी याद में यहां एक ऑडिटोरियम भी बनाया गया है।
विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए योग परिसर, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, ध्यान कक्ष, अखाड़ा, एथलेटिक ट्रैक, आधुनिक कंप्यूटर लैब आदि बनाए गए हैं।
नालंदा यूनिवर्सिटी बिहार के राजगीर में वैभारगिरी पहाड़ की तलहटी में करीब 455 एकड़ के क्षेत्र में बनाया गया है। इसकी लागत 1749 करोड़ आई है।
यह एक नेट जीरो ग्रीन कैंपस है। इसमें 6.5 मेगावाट का डीसी ऑन-ग्रिड सोलर प्लांट, वाटर रिसाइकलिंग प्लांट और 1.2 मेगावाट का एसी बायोगैस पावर प्लांट भी बनाया गया है। यूनिवर्सिटी के 100 एकड़ के क्षेत्र में जलाशय हैं।