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NCR में नहीं लगा पटाखों पर पूर्व प्रतिबंध तो होगी कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न केवल इस न्यायालय के आदेश, बल्कि ईपीए की धारा 5 के तहत जारी निर्देशों को राज्यों के सभी कानून प्रवर्तन तंत्रों के माध्यम से सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।

Aditi Sharma लाइव हिन्दुस्तानTue, 6 May 2025 06:48 PM
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NCR में नहीं लगा पटाखों पर पूर्व प्रतिबंध तो होगी कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले इलाकों में पटाखों पर सख्ती सेप्रतिबंध सुनिश्चित करें, नहीं तो अवमानना कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने सरकारों से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) के तहत निर्देश जारी करने को कहा, जिसमें सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और ऑनलाइन उपलब्धता पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। इसने कहा कि न केवल इस न्यायालय के आदेश, बल्कि ईपीए की धारा 5 के तहत जारी निर्देशों को राज्यों के सभी कानून प्रवर्तन तंत्रों के माध्यम से सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।

अधिनियम की धारा 5 में कहा गया है कि केन्द्र सरकार अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए पर्यावरण प्रदूषण को विनियमित करने के लिए किसी भी अधिकारी या प्राधिकरण को निर्देश जारी कर सकती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकारों को पटाखों पर प्रतिबंध का ‘‘ईमानदारी से कार्यान्वयन’’ सुनिश्चित करना चाहिए और प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक तंत्र बनाना चाहिए। इसने कहा, ‘‘हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि इन सरकारों और अन्य संस्थाओं के अधिकारी न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों को लागू करने में विफल रहते हैं तो न्यायालय की अवमानना ​​अधिनियम, 1971 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है। एनसीआर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से संबंधित सभी राज्यों को व्यापक अनुपालन हलफनामा दाखिल करना होगा। हम राज्य सरकारों को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धारा 5 के तहत लगाए जाने वाले प्रतिबंध और जुर्माने का व्यापक प्रचार करने का भी निर्देश देते हैं।’’

कोर्ट ने तीन अप्रैल को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध में ढील देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वायु प्रदूषण का स्तर काफी समय से चिंताजनक बना हुआ है।

कोर्ट ने कहा कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा सड़कों पर काम करता है और प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित है, तथा हर कोई प्रदूषण से लड़ने के लिए अपने घर या कार्यस्थल ‘एयर प्यूरीफायर’ लगाने का खर्च नहीं उठा सकता।

न्यायालय ने कहा कि जब तक वह इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि ‘‘तथाकथित’’ हरित पटाखों के कारण होने वाला प्रदूषण न्यूनतम है, तब तक पिछले आदेशों पर पुनर्विचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

पीठ ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सिर्फ दीपावली के आसपास पटाखों पर प्रतिबंध लगाना निरर्थक होगा, क्योंकि इन्हें पहले से खरीदा और संग्रहीत किया जा सकता है।

शीर्ष अदालत ने दिसंबर, 2024 में उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों को अगले आदेश तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था।

इसके बाद अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तत्काल प्रभाव से पूरे वर्ष पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री तथा ऑनलाइन उपलब्धता पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिबंध तभी प्रभावी है, जब ‘‘एनसीआर क्षेत्र का हिस्सा बनने वाले अन्य राज्यों ने भी’’ ऐसे उपाय लागू किए हों।

इसने कहा, ‘‘यहां तक ​​कि राजस्थान ने भी अपने उस हिस्से में इसी तरह का प्रतिबंध लगाया है जो एनसीआर क्षेत्रों में आता है। फिलहाल हम उत्तर प्रदेश और हरियाणा को निर्देश देते हैं कि वे भी दिल्ली द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के समान प्रतिबंध लगाएं।’’