मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश वापस ले लिया है। कोर्ट ने दस दिन के अंदर गैंगस्टर मामले में जांच पूरी करने का आदेश दिया था।
यदि किसी महिला का पति और ससुराल वाले दहेज नहीं मांगते, लेकिन हिंसा करते हैं और उसे प्रताड़ित करते हैं तो भी सेक्शन 498ए के तहत उन पर ऐक्शन हो सकता है। आम धारणा रही है कि यह कानून दहेज उत्पीड़न के मामलों से महिलाओं को बचाने के लिए ही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है।
अदालत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण मामलों में से एक करार दिया है, जहां एक साल में ही पत्नी को मजबूर होकर ससुराल छोड़ना पड़ा। उन्होंने पति और ससुरालवालों की तरफ से परेशान किए जाने के आरोप लगाए थे।
न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ को साल्वे के कार्यालय के एक वकील ने बताया कि उन्हें इस बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं दी गई।
SC ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया को एक यूट्यूब शो पर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों में गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी थी।
मामले पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच सुनवाई कर रही थी। यहां अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाए थे कि अपीलकर्ता और उसके पिता समेत अन्य रिश्तेदारों ने फरवरी 1994 में गांव से नाबालिग लड़की को अगवा कर लिया था।
इस नए कानून के तहत चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल किया गया है, जिससे केंद्र सरकार को चुनाव आयोग की नियुक्तियों में प्रमुख भूमिका मिल गई।
सुकेश चंद्रशेखर ने खुद को राष्ट्रीय राजधानी की मंडोली जेल से पंजाब और दिल्ली के अलावा किसी अन्य जेल में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था।
SC Ranveer Allahabadia: सुप्रीम कोर्ट में रणवीर इलाहाबादिया केस की सुनवाई के दौरान एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ ने पॉडकास्टर को राहत दिलाने की पूरी कोशिश की। इस दौरान उन्होंने कई तर्क पेश किए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि इलाहाबादिया के खिलाफ कोई अलग-अलग FIR नहीं, सिर्फ दो हैं। साथ ही कहा कि वह दोनों ही मामलों में खुद का बचाव कर सकते हैं।