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इश्क में टूटा दिल पुरुषों की जान पर ज्यादा भारी

एक अध्ययन में पता चला है कि प्यार में धोखा खाने से पुरुषों में दिल की धड़कन पर गंभीर असर पड़ता है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि पुरुषों में दिल टूटने के...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 17 May 2025 01:19 PM
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इश्क में टूटा दिल पुरुषों की जान पर ज्यादा भारी

वाशिंगटन, एजेंसी। ‘प्यार में दिल टूटना अब सिर्फ एक जज्बाती बात नहीं रही, बल्कि मेडिकल साइंस भी इसे गंभीर मानने लगा है। एक अध्ययन में पता चला है कि जब कोई प्रेम में धोखा खाता है तो इसका असर सिर्फ दिमाग पर नहीं, बल्कि दिल की धड़कनों पर भी पड़ता है। हैरानी की बात ये है कि इसका सबसे घातक असर पुरुषों पर होता है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, मोहब्बत में टूटे दिल से पुरुषों में जान जाने का खतरा महिलाओं के मुकाबले लगभग दो गुना ज्यादा होता है। दरअसल, जिसे आम बोलचाल में ‘दिल टूटना कहा जाता है, वह हार्ट ब्रोकन सिंड्रोम होता है।

इसे चिकित्सा की भाषा में ‘टकोट्सुबो कार्डियोमायोपैथी कहा जाता है। यह एक ऐसा हृदय विकार है, जो अत्यधिक भावनात्मक या शारीरिक तनाव के कारण होता है। इसमें हार्मोन जैसे एड्रेनालिन इतनी अधिक मात्रा में निकलते हैं कि हृदय की मांसपेशियां ठीक से काम करना बंद कर देती हैं। इसका कारण पूरी तरह भावनात्मक या मानसिक होता है, जैसे किसी अपने की मौत, प्यार में धोखा या बिछड़ाव और कोई भी बहुत बड़ा सदमा। वर्ष 2016 से 2020 के बीच 1,958 ऐसे मरीजों के स्वास्थ्य डाटा के विश्लेषण से ये निष्कर्ष निकले हैं। दो गुना ज्यादा खतरा -11.2% खतरा पुरुषों में मृत्यु का -5.5% खतरा महिलाओं में मृत्यु का शारीरिक तनाव वजह अमेरिका के प्रमुख चिकित्सा संस्थान जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. इलान विट्स्टीन के मुताबिक, यह सिंड्रोम महिलाओं में भावनात्मक तनाव, जबकि पुरुषों में शारीरिक तनाव के कारण अधिक सक्रिय होता है। महिलाएं भावनात्मक सदमे के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं, इसलिए उनमें यह सिंड्रोम ज्यादा देखा जाता है। लेकिन पुरुषों में जब यह होता है, तो यह ज्यादा गंभीर और खतरनाक रूप में सामने आता है। दूसरे शब्दों में कहें तो पुरुषों को यह बीमारी कम होती है, लेकिन जब होती है तो जान तक ले जाती है। कोई निश्चित इलाज नहीं ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का कोई निश्चित इलाज नहीं है। डॉक्टर आमतौर पर ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और हृदयगति नियंत्रित करने वाली दवाएं देते हैं, लेकिन यह पूरी तरह मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। इलाज सिर्फ लक्षणों के हिसाब से होता है। लक्षण सीने में अचानक तेज दर्द सांस लेने में तकलीफ दिल की धड़कन अनियमित होना थकान या बेहोशी जैसा अहसास कैसे बचें और क्या करें तनाव को नियंत्रित करें : योग, ध्यान या थेरेपी मददगार हो सकती है हर रात 7-9 घंटे की नींद लें : नींद की कमी भी दिल की सेहत को बिगाड़ती है नियमित व्यायाम : इससे मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य बेहतर होता है जज्बात को दबाएं नहीं : दर्द को बांटना जरूरी है, खासकर पुरुषों के लिए जो अक्सर अपने जज्बात छुपा लेते हैं

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