अमेरिका की नौसेना विश्व की सबसे आधुनिक और शक्तिशाली मानी जाती है। इसके पास 11 एयरक्राफ्ट कैरियर (10 निमिट्ज क्लास और 1 फोर्ड क्लास) हैं, जो परमाणु ऊर्जा से चलने वाले हैं। कुल 232 युद्धपोतों में 68 सबमरीन, 76 डेस्ट्रॉयर और 34 एम्फीबियस जहाज हैं। अमेरिका के पास फ्रिगेट नहीं हैं, लेकिन अत्याधुनिक डेस्ट्रॉयर इसकी ताकत हैं।
चीन के पास 405 सक्रिय युद्धपोत हैं। इसमें 3 एयरक्राफ्ट कैरियर, 73 सबमरीन (18 परमाणु क्षमता से लैस), 47 डेस्ट्रॉयर और 127 कोस्टल पेट्रोल जहाज हैं। आधुनिक तकनीक की कुछ कमी के बावजूद, चीन तेजी से अपने नौसैनिक बेड़े को उन्नत कर रहा है।
रूस की ताकत उसकी सबमरीन और तेज रफ्तार कोरवेट्स में है। इसके पास 283 जहाज हैं, जिनमें 83 कोरवेट, 58 सबमरीन और 1 एयरक्राफ्ट कैरियर शामिल है। रूस अपने घरेलू समुद्री सुरक्षा पर ज्यादा फोकस करता है।
दुनिया के सबसे बड़े द्वीपसमूह इंडोनेशिया के पास 245 युद्धपोत हैं। इनमें 168 कोस्टल गश्ती जहाजों की भूमिका अहम है। देश के पास 4 सबमरीन और 25 कोरवेट हैं।
147 जहाजों वाली दक्षिण कोरियाई नौसेना के पास 21 सबमरीन और 13 डेस्ट्रॉयर हैं। यह अमेरिकी तकनीक और सहयोग पर भी निर्भर करती है।
जापान मरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के बेड़े में कई आधुनिक डेस्ट्रॉयर और सबमरीन शामिल हैं, जिसमें हेलिकॉप्टर कैरियर इज़ुमो प्रमुख है। हालांकि, पूरी जानकारी लेख के अंत में अधूरी रह गई है, फिर भी जापान को एशिया की सबसे संगठित और तकनीकी रूप से उन्नत नौसेनाओं में माना जाता है।
भारत के पास इस समय दो प्रमुख विमानवाहक युद्धपोत हैं, पहला है आईएनएस विक्रमादित्य, जो सोवियत काल की विरासत है और 2014 में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था। दूसरा है आईएनएस विक्रांत, जिसे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से निर्मित किया गया और 2018 में नौसेना की सेवा में लाया गया। इसके अलावा भारतीय नौसेना के बेड़े में 13 विध्वंसक, 14 फ्रिगेट, 18 कोर्वेट, 29 ओशियन पेट्रोल वेसल (ओपीवी), 5 युद्धपोत और 19 पनडुब्बियां शामिल हैं, जिनमें से दो परमाणु ऊर्जा से संचालित होती हैं। इस तरह भारत के पास कुल 100 सक्रिय युद्धपोतों का एक मजबूत नौसैनिक बेड़ा है।
फ्रांस के पास है परमाणु चालित विमानवाहक युद्धपोत ‘शार्ल द गॉल’, जिसमें राफाल लड़ाकू विमानों की तैनाती की पूरी व्यवस्था है। फ्रांसीसी नौसेना के पास 8 पनडुब्बियां, 21 विध्वंसक, 17 माइन वॉरफेयर पोत, 3 उभयचर जहाज़ और 20 ओपीवी हैं। कुल 70 सक्रिय युद्धपोत फ्रांस की समुद्री ताक़त का हिस्सा हैं।
ब्रिटिश रॉयल नेवी को दुनिया की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित नौसेनाओं में गिना जाता है। उनके पास दो आधुनिक विमानवाहक युद्धपोत, ‘एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ’ और ‘एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स’ हैं, जो F-35 फाइटर जेट उड़ाने की क्षमता रखते हैं। इनके अलावा ब्रिटेन के पास 9 पनडुब्बी, 6 विध्वंसक, 8 फ्रिगेट, 7 माइन वॉरफेयर और 18 ओपीवी हैं। कुल 50 सक्रिय नौसैनिक जहाज ब्रिटिश नौसेना का हिस्सा हैं।
तुर्किए ने भी अप्रैल 2023 में अपना पहला हेलिकॉप्टरवाहक युद्धपोत अपने बेड़े में शामिल किया। इस समय तुर्किए के पास 13 पनडुब्बियां, 17 फ्रिगेट, 9 कोर्वेट, 11 माइन वॉरफेयर, 34 ओपीवी और 5 उभयचर जहाज़ हैं। तुर्किए लगातार अपनी नौसैनिक क्षमताओं को स्थानीय उत्पादन और तकनीक से मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहा है।