Lalu Prasad Yadav Faces Legal Troubles as President Approves Money Laundering Case राष्ट्रपति ने दी लालू यादव पर मुकदमा चलाने की मंजूरी, Delhi Hindi News - Hindustan
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राष्ट्रपति ने दी लालू यादव पर मुकदमा चलाने की मंजूरी

पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नौकरी के बदले जमीन मामले में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। ईडी ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 8 May 2025 10:46 PM
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राष्ट्रपति ने दी लालू यादव पर मुकदमा चलाने की मंजूरी

पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नौकरी के बदले जमीन मामले में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर नौकरी के बदले जमीन मामले की जांच शुरू की थी। लालू यादव पर आरोप है कि यूपीए एक सरकार के दौरान (2004-2009) रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने भारतीय रेलवे की ग्रुप डी की नौकरियों के बदले जमीन ली थी। यह जमीनें सीधे या परोक्ष रूप से लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के नाम पर ली गई थीं।

ईडी के सूत्रों के मुताबिक यह मंजूरी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197(1) (या बीएनएसएस, 2023 की धारा 218) के तहत दी गई है) के तहत है, जो किसी पूर्व मंत्री पर कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया है। ईडी ने मामले की जांच की है और पिछले साल अगस्त में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, उनके बेटे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ पीएमएलए के तहत धनशोधन मामले में आरोप पत्र दायर किया था। ईडी का कहना है कि पीएमएलए के तहत जांच के दौरान पता चला कि अपराध की आय को छिपाने और पता लगाने से बचने के लिए परिवार के सदस्यों, नौकरों और लाभकारी स्वामित्व वाली कंपनी के नाम पर कई जमीनें मामूली रकम पर हासिल की गई थीं। नौकरों (राबड़ी देवी के गौशाला कर्मचारियों) के नाम पर हासिल की गई जमीन को बाद में गिफ्ट डीड के जरिए लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को उपहार के रूप में हस्तांतरित कर दिया गया था। इसके साथ मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां फर्जी कंपनियां थीं, जिन्होंने लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय प्राप्त की थी। उक्त कंपनियों के जरिए अचल संपत्तियां हासिल की गईं और उसके बाद मामूली रकम पर लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को शेयर हस्तांतरित किए गए। अमित कत्याल लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए इन कंपनियों का प्रबंधन करते थे।

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