AIMIM, JD(U) और NOTA ने जितने वोट बटोरे, उससे भी कम वोटों से दिल्ली हार गई आप
- आंकड़ों को और गौर से देखें तो पता चलता है कि AIMIM, JD(U) और NOTA ने जितने वोट बटोरे, उससे भी कम वोटों से आप दिल्ली हार गई है। आइए देखते हैं कि इनके बीच कितना अंतर रहा।
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2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव बेहद चौकाने वाला रहा है, खासकर आम आदमी पार्टी के लिए। इस चुनाव में आप और भाजपा के बीच हार-जीत का अंतर महज 1.99 फीसदी वोटों का रहा। इतने कम अंतर के साथ भाजपा ने कुल 48 सीटों को अपने नाम किया, तो वहीं आप को महज 22 सीटें मिल पाईं। आंकड़ों को और गौर से देखें तो पता चलता है कि AIMIM, JD(U) और NOTA ने जितने वोट बटोरे, उससे भी कम वोटों से आप दिल्ली हार गई है। आइए देखते हैं कि इनके बीच कितना अंतर रहा।
महज 1.99 फीसदी वोटों से दिल्ली हारी आप
इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कुल 4133898 वोट जीते। आप 43.57 फीसदी वोट शेयर के जरिए महज 22 सीटें जीत पाईं। वहीं अगर भाजपा की बात करें तो उसने कुल 4323110 वोट अपने नाम किए। इसके जरिए उसने कुल 45.56 फीसदी वोटों के जरिए 48 सीटें जीत लीं। चौंकाने वाली बात यह रही कि दोनों के बीच हार-जीत का अंतर महज 1.99 फीसदी वोट रहे, यानी कुल 189212 वोट रहे।
AIMIM, JD(U) और NOTA ने 2.4 फीसदी वोट बटोरे
अब हम आपको बताते हैं कि AIMIM, JD(U) और NOTA ने जीतने वोट बटोरे, उससे भी कम वोटों से आप दिल्ली हार गई है। AIMIM ने कुल 73032 वोटों के साथ 0.77 फीसदी वोट जीते। JD(U) ने कुल 100580 वोटों के साथ 1.06 फीसदी वोट जीते। वहीं दिल्ली की जनता ने नोटा को भी दिल खोलकर दबाया। NOTA में कुल 53738 वोटों के साथ 0.57 फीसदी वोट मिले। इस तरह इन तीनों के खाते में कुल वोट 227350 आए, तो कि कुल वोट शेयर का 2.4 फीसदी रहा।
आप की हार में एक अन्य फैक्टर ने भी निभाया रोल
हार-जीत का कुल अंतर महज 1.99 फीसदी वोटों का रहा। जबकि इन तीन के खाते में कुल 2.4 फीसदी वोट पहुंचे। इस तरह देखें तो इन तीन के खाते में जितने वोट पहुंचे, उससे भी कम वोट शेयर से आम आदमी पार्टी दिल्ली को हार गई। हालांकि एक आंकड़ा ये भी सामने रखा जाता है कि कांग्रेस के द्वारा भी वोट काटने का काम किया गया है। इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि कांग्रेस ने 601922 वोटों के साथ 6.34 फीसदी वोट अपने नाम किए। जबकि वो अपना खाता खोलने में भी नाकामयाब रही। ये तथ्य इसलिए और भी मजबूत है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस ने साथ-साथ चुनाव लड़ा था। जबकि विधानसभा का अलग-अलग।