दिल्ली में 1 अप्रैल से 2000 CNG बसें सड़कों से हटेंगी, 60 से अधिक रूटों पर टेंशन
दिल्ली में चंद दिन बाद 1 अप्रैल से अपनी मियाद पूरी कर चुकी बसें सड़कों से हट जाएंगी। इसके साथ ही क्लस्टर बसों के सात डिपो का अनुबंध भी खत्म हो जाएगा। ऐसे में दिल्ली की सड़कों से तकरीबन दो हजार बसों का संचालन बंद हो जाएगा। इसकी वजह से 60 से ज्यादा रूटों पर बसों की कमी हो सकती है।

राजधानी दिल्ली में चंद दिन बाद 1 अप्रैल से अपनी मियाद पूरी कर चुकी बसें सड़कों से हट जाएंगी। इसके साथ ही क्लस्टर बसों के सात डिपो का अनुबंध भी खत्म हो जाएगा। ऐसे में दिल्ली की सड़कों से तकरीबन दो हजार बसों का संचालन बंद हो जाएगा। इसकी वजह से 60 से ज्यादा रूटों पर बसों की कमी हो सकती है।
परिवहन विभाग और डीटीसी के बेड़े में बसों की संख्या कम हो जाने पर 1 अप्रैल से दैनिक यात्रियों की परेशानी भी बढ़ सकती है। दिल्ली में डीटीसी के अलावा प्राइवेट कंपनी डिम्ट्स (दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम लि.) भी सीएनजी बसों का संचालन कर रही है।
डिम्ट्स के साथ परिवहन विभाग का चार क्लस्टर का अनुबंध 31 मार्च रात 12 बजे समाप्त हो जाएगा। इन चार क्लस्टर के सात डिपो से रोजाना 997 बसों का संचालन होता है। सरकार इस अनुबंध को बीते साल नौ महीने का विस्तार दे चुकी है और अब इन बसों को सड़कों से हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
डिम्ट्स ने अपने कर्मचारियों को 15 अप्रैल से सेवा समाप्ति का नोटिस भेज दिया है। इसके अलावा डीटीसी के बेड़े से भी तकरीबन एक हजार से ज्यादा बसों की मियाद भी 31 मार्च को पूरी हो जाएगी। मोरी गेट से चौहान पट्टी, मोरी गेट से कापसहेड़ा बॉर्डर, कश्मीरी गेट से उत्तम नगर, कैर गांव से इंद्रलोक, भरोसा बॉर्डर से नेहरू प्लेस, तिलक नगर से कैर गांव, सत्यमपुरम से तिलक नगर, लाडो सराय से झरोदा बॉर्डर जाने वाले यात्रियों को दिक्कत हो सकती है।
नई इलेक्ट्रिक बसों को बेड़े में शामिल करने की तैयारी
सड़कों से हटने वाली पुरानी बसों की जगह पर दिल्ली सरकार नई इलेक्ट्रिक बसों को बेड़े में शामिल करने की तैयारी कर रही है। परिवहन विभाग के मुताबिक, अप्रैल के पहले सप्ताह से ही नई बसों का आना शुरू हो जाएगा और हर सप्ताह नई बसें शामिल होंगी। परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि अप्रैल के अंत तक दो हजार नई बसें बेड़े में शामिल कर ली जाएं, ताकि यात्रियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।