गुलाम नबी आजाद का यू-टर्न, अनंतनाग सीट से वापस लिया नाम; नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
गुलाम नबी आजाद ने इस बार लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। उनकी पार्टी डीपीएपी (डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी) ने अनंतनाग सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया था।
दिग्गज राजनेता गुलाम नबी आजाद ने इस बार लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। उनकी पार्टी डीपीएपी (डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी) ने अनंतनाग-राजौरी सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया था। मगर अब उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया है। गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को अनंतनाग में एक बैठक में यह घोषणा की। 2 अप्रैल को पूर्व केंद्रीय मंत्री आजाद को अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकित किया गया था।
इससे पहले आजाद की पार्टी के प्रवक्ता सलमान निजामी ने उनके चुनाव लड़ने को लेकर एक्स पर पोस्ट किया था। इस पोस्ट में निजामी ने लिखा, "डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद साहब अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यह निर्णय की डीपीएपी कार्य समिति की बैठक में किया गया।" डीपीएपी के उम्मीदवार के रूप में आजाद का मुकाबला पीडीपी की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अनुभवी नेता मियां अल्ताफ अहमद से होना था। बताते चलें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। इंडिया गठबंधन के घटक दलों में कांग्रेस भी शामिल है, जिसका पहले गुमला नबी आजाद हिस्सा रह चुके हैं।
आजाद का यू-टर्न उनके उस बयान के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने और यहां के निवासियों की भूमि और नौकरी के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि लोकसभा चुनाव लड़ने के उनके पास कई कारण हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों की नौकरियों और जमीन की सुरक्षा करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।