PMO में ताबड़तोड़ बैठकों का चला दौर, क्यों पहुंचे थे राहुल गांधी और CJI खन्ना?
Rahul gandhi in pmo: लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और मुख्य न्यायाधीश सीबीआई चीफ के नाम पर मंथन के लिए पीएम कार्यालय पहुंचे हैं। संविधान के मुताबिक सीबीआई चीफ को चयन करने की समिति में पीएम, लोकसभा नेता विपक्ष और सीजेआई का होना जरूरी है।

लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पीएम मोदी के कार्यालय पहुंचे हैं। इस बैठक में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अगले प्रमुख के नाम पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है। संविधान के मुताबिक केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक के नाम पर मुहर लगाने वाली समिति में प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा का नेता विपक्ष शामिल होता है। ऐसे में तीनों ही लोग पीएम कार्यालय में मौजूद हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के वर्तमान निदेशक प्रवीण सूद का कार्यकाल 25 मई को समाप्त हो रहा है। कर्नाटक कैडर के 1986 बैच के आईपीएस ऑफिसर सूद ने मई 2023 में सुबोध कुमार जायसवाल की जगह इस एजेंसी में यह पदभार ग्रहण किया था।
लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पीएम मोदी और मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से अभी सीमा पर पाकिस्तान के साथ तनाव जारी है। पीएम मोदी लगभग हर दिन ही विदेश मंत्री और तीनों सेनाओं के साथ बैठक करते हैं।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने अपना पक्ष रखा। बैठक के बाद राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने सरकार को अपना पूरा समर्थन दिया था। राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जो भी पहलगाम में हुआ वह बहुत ही जघन्य अपराध है। जिस किसी ने भी इस हमले को अंजाम दिया है उसे सजा मिलनी चाहिए। इस मामले में सरकार जो भी कदम उठाती है विपक्ष उसमें सरकार के साथ है। इसके बाद भारत सरकार ने कूटनीतिक और आर्थिक कई कदम उठाए और विपक्ष भी सरकार के उन कदमों के साथ खड़ा दिखाई दिया।