गठबंधन में अहंकार...दिल्ली में हार पर संजय राउत ने किसे सुनाया, क्या बताई वजह
- अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सामंजस्य दिखाया होता तो आज भाजपा जीत नहीं पाती। दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम पर यह टिप्पणी संजय राउत ने की। शिवसेना-यूबीटी नेता ने कहाकि गठबंधन में अहंकार नहीं होना चाहिए।
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अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सामंजस्य दिखाया होता तो आज भाजपा जीत नहीं पाती। दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम पर यह टिप्पणी संजय राउत ने की। शिवसेना-यूबीटी नेता ने कहाकि गठबंधन में अहंकार नहीं होना चाहिए। अगर दोनों दल एक साथ बैठे होते, बातचीत की होती और थोड़ा समझौता किया होता तो दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ और होते। एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कांग्रेस से कहाकि वह इंडिया गठबंधन में सभी को साथ लेकर चले। गौरतलब कि कई ऐसी सीटें रहीं, जहां कांग्रेस प्रत्याशी को लगभग उतने ही वोट मिले हैं, जितने वोटों से आप प्रत्याशी की हार हुई है। माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस और आप का गठबंधन होता तो नतीजे कुछ अलग हो सकते थे।
संजय राउत ने कहाकि कांग्रेस इंडिया गठबंधन में हमारा वरिष्ठ सहयोगी है। गठबंधन में जुड़े सभी लोगों का यह यकीन है कि हमारे वरिष्ठ सहयोगी की यह जिम्मेदारी है कि वह सबको साथ लेकर चले। राउत ने कहाकि यह जिम्मेदारी आम आदमी पार्टी की भी थी और बातचीत होनी चाहिए थी। लेकिन अब नतीजा ऐसा है कि आप सत्ता गंवा चुकी है और कांग्रेस को कुछ नहीं मिला। अगर दोनों दलों ने आपसी तालमेल दिखाया होता तो भाजपा इस तरह की जीत हासिल नहीं कर पाती।
हार के लिए दोनों जिम्मेदार
शिवसेना-यूबीटी नेता ने आगे कहाकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के जिम्मेदार सभी लोग हैं। उन्होंने कहाकि इसके लिए आप भी उतनी ही जिम्मेदार है, जितना कांग्रेस। गठबंधन में कोई अहंकार नहीं होना चाहिए। कांग्रेस को धैर्य और मैच्योरिटी दिखानी चाहिए थी। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर करते हुए भाजपा ने 27 साल बाद वापसी की है। 70 में से 48 सीटें जीतने के बाद भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत हासिल किया है। वहीं, आप 62 से फिसलकर 22 सीटों पर आ गई है।
भाजपा के प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 4000 वोटों से करारी मात दी है। हालांकि कालकाजी सीट से आतिशी अपनी साख बचाने में कामयाब रहीं और उन्होंने 3521 वोटों से भाजपा के रमेश बिधूड़ी को शिकस्त दी है। वहीं, दिल्ली में फिर से वापसी का रास्ता देख रही कांग्रेस एक बार फिर से अपना खाता खोलने में नाकाम रही है।