Hindi Newsदेश न्यूज़Pahalgam Terrorist attack is a lapse, but no security or intelligence detail is foolproof says Ex RAW chief AS Dulat

पहलगाम आतंकी हमला एक चूक, पर कोई भी खुफिया जानकारी पुख्ता नहीं; पूर्व रॉ चीफ दुलत बोले

पूर्व रॉ चीफ ए एस दुलत ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों का हर हाल में पता लगाया जाना चाहिए। चाहे वह भारत में छिपे हों या भागकर पाकिस्तान चले गए हों। इसके बाद उन्हें उनके किए की सजा मिलनी ही चाहिए।

Pramod Praveen मिंट, रंजीत भूषण, नई दिल्लीFri, 25 April 2025 04:32 PM
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पहलगाम आतंकी हमला एक चूक, पर कोई भी खुफिया जानकारी पुख्ता नहीं; पूर्व रॉ चीफ दुलत बोले

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को पूर्व रॉ चीफ ए एस दुलत ने स्पष्ट तौर पर बड़ी चूक करार दिया है लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि कोई भी इंटेलिजेंस इनपुट या सुरक्षा जानकारी पुख्ता तौर पर सही नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो इंदिरा गांधी की हत्या नहीं होती और न ही अमेरिका में 9/11 जैसी वीभत्स घटना होती। उन्होंने कहा कि सबसे मजबूत खुफिया एजेंसी मोसाद के रहते हुए भी इजरायल में 7 अक्टूबर जैसी घटना नहीं होती और अचानक हमले में इतनी जानें नहीं जाती।

बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी घटना पर कुछ मीडिया संस्थानों ने उंगली उठाई है और इसे खुफिया विफलता और सुरक्षा चूक बताया है। इस हमले में एक नेपाली नागरिक समेत कुल 26 लोगों की मौत हो गई। इनमें अधिकांश पर्यटक थे, जो वहां घूमने गए थे। भारत सरकार ने इस घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। इसमें सबसे प्रमुख सिंधु जल समझौता स्थगित करना है। इससे पाकिस्तान बौखला उठा है।

पहलगाम की घटना अजीब

दुलत ने कहा कि फिर भी यह घटना अजीब है क्योंकि ऐसा कैसे संभव हुआ कि जहां हजारों सैलानी जा रहे हों, कई वीवीाईपी जा रहे हों, वहां सुरक्षा व्यवस्था एकदम नहीं थी, जबकि यह राज्य पहले से आतंकियों के निशाने पर है और आतंकी गतिविधियों के केंद्र में रहा है। उन्होंने कहा कि यह घटना ऐतिहासिक रूप से अभूतपूर्व है क्योंकि 2017 को छोड़कर कभी भी आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को प्रभावित नहीं किया। उन्होंने कहा कि गौर करने वाली बात यह है कि जहां ये आतंकी घटना घटी, वह अमरनाथ यात्रा मार्ग से बहुत दूर नहीं है।

कश्मीर के इतिहास में एक मोड़

उन्होंने माना कि कश्मीर के इतिहास में एक बड़ा अपवाद चित्तीसिंहपुरा नरसंहार रहा है, जहां आतंकियों ने 20 मार्च 2000 की शाम को 35 सिखों को खड़े कर गोली मार दी थी। यह घटना तब घटी थी, जब कुछ घंटे बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत दौरे पर आने वाले थे। दुलत ने कहा कि वह घटना अशांत कश्मीर के इतिहास में एक मोड़ था। इस बार भी यह घटना ऐसे वक्त में हुई है, जब अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेन्स भारत के चार दिवसीय दौरे पर थे।

पाकिस्तानी सेना प्रमुख का भाषण ही जड़

जब उनसे पूछा गया कि क्या आतंकवादियों के रुख में आया यह बदलाव पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा हाल ही में दिए गए दो राष्ट्र सिद्धांत और कश्मीर गले की नस है, जैसे मुद्दे को सार्वजनिक तौर पर उछाले जाने के बाद आया है, तो पूर्व रॉ चीफ ने कहा कि ऐसा ही लगता है क्योंकि इनसे पहले के पाक सेना प्रमुख कम आक्रामक थे। दुलत ने कहा कि जनरल मुनीर ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया है, जो किसी जिम्मेदार पद पर बैठे शख्स को नहीं बोलनी चाहिए थी।

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हर हाल में ढूंढ़ा जाना चाहिए हमलावर आतंकी

दुलत ने कहा कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आतंकवादी चाहे जहां कहीं भी छिपे हों, उसे ढूंढकर सबक सिखाना ही चाहिए। पूर्व रॉ चीफ ने कहा कि अगर आतंकी भारत में छिपे हों तो या पाक चले गए हों, जिसकी संभावना ज्यादा दिखती है, तो भी हर हाल में उन्हें ढूंढ़ा जाना चाहिए और उसे नेस्तनाबूद किया जाना चाहिए। कश्मीर में आगे की राह क्या हो? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र को एक ही रास्ते पर होना चाहिए और फिलहाल प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री अब्दुल्ला, दोनों ही एक साथ तालमेल कर रहे हैं और एक ही सुर में हैं जो अच्छा संकेत हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में कश्मीरियों को अलग-थलग नहीं किया जाना चाहिए।

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