प्रचंड ठंड में गर्मा रहा किसान आंदोलन, हरियाणा में महापंचायत के बाद 9 जनवरी को भी ऐक्शन
- मान ने कहा कि टोहाना में होने वाली महापंचायत में भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत, महासचिव युद्धवीर सिंह और अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में पंजाब से भी बड़ी संख्या में किसान आएंगे। यही नहीं किसान नेताओं ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत गंभीर है।
पूरे उत्तर भारत में ठंड लगातार प्रचंड होती जा रही है। वहीं पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन इसी मौसम में गर्मा रहा है। 4 जनवरी को हरियाणा के फतेहाबाद के टोहाना में किसानों की महापंचायत है। इस महापंचायत में लाखों की संख्या में किसान मौजूद रह सकते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले यह मीटिंग होने वाली है, जिसमें पंजाब और हरियाणा के किसान रहेंगे। इस मीटिंग में पश्चिम यूपी में ताकत रखने वाली भारतीय किसान यूनियन का भी प्रतिनिधित्व रहेगा। इस मीटिंग से पहले तैयारियों की समीक्षा के लिए भी एक मीटिंग करनाल में हुई है। इस बैठक में भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि किसान के मुद्दों को हल करने में सरकार नाकाम रही है। हरियाणा की सरकार ने तो तमाम झूठे वादे भी किए हैं, जो पूरे कभी नहीं किए गए।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार किसानों के मसलों को इसी तरह टालती रही तो उसे खामियाजा भुगतना होगा। किसानों ने इस मीटिंग में भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि उसका 24 फसलों पर एमएसपी देने का दावा गलत है। मान ने कहा कि सीएम नायब सिंह सैनी किसानों को बरगला रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को इस हद तक मजबूर किया जा रहा है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू कर दें। हरियाणा की इस मीटिंग के बाद किसान संगठनों ने 9 जनवरी को पंजाब के मोगा में भी एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में पंजाब और हरियाणा के लाखों किसान जुट सकते हैं। इस मीटिंग में किसान संगठन अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने की दिशा तय कर सकते हैं।
मान ने कहा कि टोहाना में होने वाली महापंचायत में भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत, महासचिव युद्धवीर सिंह और अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में पंजाब से भी बड़ी संख्या में किसान आएंगे। यही नहीं किसान नेताओं ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत गंभीर है। उन्हें इस हालात में पहुंचाने की जिम्मेदार भाजपा की सरकार है, जिसने ना तो बात की और ना ही किसानों के मसलों को हल किया है। इसके चलते डल्लेवाल को अतिवादी कदम उठाना पड़ा। किसान नेताओं ने कहा कि हम अपनी मांगें पूरी होने तक पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि यदि हरियाणा के सीएम 25 फसलों को एमएसपी पर खरीदने का दावा करते हैं तो फिर केंद्र सरकार से इस पर कानून क्यों नहीं बनवा लेते।