अगर उन्हें लगता है कि वे बच सकते हैं, तो मेरी शुभकामनाएं; केंद्रीय मंत्री का पाकिस्तान को संदेश
पुरी ने भारत के सिंधु जल संधि को निलंबित करने के कदम को सही ठहराते हुए कहा कि पाक लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा। इसके कारण भारत सहयोग जारी रखने के लिए बाध्य नहीं है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नातओं का कहना है कि पाकिस्तान जल्द ही इसकी कीमत चुकाएगा। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को मोहाली में इस हमले को स्पष्ट रूप से पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद करार दिया। उन्होंने कहा कि इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान ले रहा है और अब पहले की तरह कोई कारोबार नहीं चलेगा। पुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए कहा, "पाकिस्तान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और यह केवल शुरुआत है।"
पहलगाम हमले पर कड़ा रुख
पहलगाम के बैसारन घास के मैदान में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। पुरी ने कहा, "यह घटना कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित आतंकी हमला है। इसमें किसी को कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। यह सीमा पार से आया आतंकवाद है। उनके लोग खुद इसकी जिम्मेदारी ले रहे हैं। मैंने उनके रक्षा मंत्री का एक बयान देखा जिसमें वे कह रहे थे 'हम तो 30 साल से ऐसा काम करते आ रहे हैं।' उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। पहले की तरह अब पाकिस्तान से कोई व्यापार होने वाला नहीं है। प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी होगी। अभी तो ये शुरुआत है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये आतंकवादी जो होते हैं वे लोगों के सबसे बुनियादी अधिकार, जीवन के अधिकार को छीन लेते हैं। पूरी दुनिया इसकी निंदा कर रही है। उन्होंने पाकिस्तान को "दुष्ट राष्ट्र" और "अंतिम पतन की ओर बढ़ता देश" करार दिया।
सिंधु जल संधि निलंबन पर बिलावल भुट्टो को जवाब
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने के फैसले पर भड़काऊ बयान दिया था। भुट्टो ने सक्खर में सिंधु नदी के किनारे कहा था, "या तो इस सिंधु में हमारा पानी बहेगा, या उनका खून।" इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पुरी ने कहा, "मैंने उसका बयान सुना... उससे कहें कि कहीं पानी में छलांग मार लें। वैसे भी, जब पानी ही नहीं होगा तो छलांग कहां लगाएगा! ऐसे बयानों को महत्व देने की जरूरत नहीं। उन्हें पता नहीं है कि उनके साथ क्या हुआ है। उन्हें जल्द समझ आ जाएगा।"
पुरी ने भारत के सिंधु जल संधि को निलंबित करने के कदम को सही ठहराते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण भारत इस संधि के तहत सहयोग जारी रखने के लिए बाध्य नहीं है। भारत ने 25 अप्रैल को 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई इस संधि को निलंबित कर दिया था, जिसके तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी मिलता है।
तो मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं- पाकिस्तान को खुला संदेश
लंदन में पाकिस्तान हाई कमीशन के बाहर पहलगाम हमले के खिलाफ भारतीय प्रवासियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तानी सेना के रक्षा सलाहकार कर्नल तैमूर रहत ने गला-काटने का इशारा किया था। इस केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, "यह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का स्पष्ट उदाहरण है। हम उस मुकाम पर पहुंच चुके हैं जहां पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी होगी। अगर वे सोचते हैं कि वे सिंधु जल संधि के निलंबन से बच जाएंगे, तो मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।" इस घटना की सोशल मीडिया पर व्यापक निंदा हुई है। एक एक्स पोस्ट में कर्नल रहत को "आतंकवादी" और "कायर" तक कहा गया।
भारत की पांच सूत्री कार्रवाई
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच सूत्री प्रतिबंधों की घोषणा की, जिसमें सिंधु जल संधि का निलंबन, पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करना, और साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन (सार्क) वीजा छूट योजना को रद्द करना शामिल है। इसके अलावा, भारत ने सभी राज्यों को अपने क्षेत्रों से पाकिस्तानी नागरिकों को तत्काल वापस भेजने का निर्देश दिया है।
पाकिस्तान का जवाब और बढ़ता तनाव
पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत के साथ सभी व्यापारिक संबंध तोड़ दिए, भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया और सिंधु जल संधि के तहत पानी रोकने को "युद्ध की कार्रवाई" करार दिया। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को "स्वतंत्रता सेनानी" कहकर और विवाद को हवा दी।
विश्व समुदाय की प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले की विश्व स्तर पर निंदा हो रही है। ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने भारत के आतंकवादियों और उनके समर्थकों का पीछा करने के अधिकार का समर्थन किया है। वहीं, कुछ पाकिस्तानी सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने भी इस हमले की निंदा की और अपने नेताओं के भड़काऊ बयानों पर सवाल उठाए।
इस बीच पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ पहले से कहीं अधिक सख्ती से निपटेगा। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को समझना होगा कि भारत अब और बर्दाश्त नहीं करेगा। यह एक नया भारत है, जो अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।"