मणिपुर में फिर झड़प, कूकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों में भिड़ंत; SP दफ्तर पर हमला, कप्तान जख्मी
प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी में पहाड़ियों से केंद्रीय बलों को हटाने की मांग को लेकर लागू की गई आर्थिक नाकेबंदी के तहत परिवहन को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में आज (शुक्रवार, 03 जनवरी को) एक बार फिर हिंसा भड़क गई। राज्य के कांगपोकपी जिले में कुकी जनजाति के प्रदर्शनकारियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच शाम में झड़प हो गई। दरअसल, प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी में पहाड़ियों से केंद्रीय बलों को हटाने की मांग को लेकर लागू की गई आर्थिक नाकेबंदी के तहत गाड़ियों को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के सैबोल गांव से केंद्रीय बलों को कथित रूप से नहीं हटाये जाने को लेकर गुस्साई भीड़ ने शाम को कांगपोकपी जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर हमला बोल दिया। इस हमले में जिले के एसपी एम प्रभाकर जख्मी हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि माथे पर किसी हथियार के लगने से एसपी प्रभाकर घायल हुए।
इससे कुछ दिन पहले भी प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों को पहाड़ियों पर बंकरों को हटाने से रोकने की कोशिश की थी लेकिन शुक्रवार को हालात इस कदर बिगड़े के प्रदर्शनकारी ऑटोमेटिक हथियारों के साथ सड़कों पर उतर आए। सैबोल गांव इंफाल पूर्वी जिले की सीमा पर स्थित है। कुकी संगठन सैबोल गांव में 31 दिसंबर को सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं पर कथित रूप से लाठीचार्ज किए जाने के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि हमलावरों ने गांव में केंद्रीय बलों, खासकर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की लगातार तैनाती पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए कार्यालय पर पथराव किया और अन्य चीजें भी फेंकी। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के परिसर में रखे जिला पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त केंद्रीय बलों को मौके पर बुलाया गया।
अधिकारी ने बताया कि दोपहर से ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एसपी कार्यालय के सामने इकट्ठा होने लगे थे और मांग करने लगे थे कि गांव से केंद्रीय बलों को हटाया जाए। पिछले सप्ताह सुरक्षा बलों ने जातीय समूहों के बीच गोलीबारी के बाद गांव और उसके आसपास के इलाकों में अभियान चलाया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी समेत चार लोग घायल हो गए थे। अभियान के बाद, कांगपोकपी जिले स्थित आदिवासी एकता समिति (सीओटीयू) ने राष्ट्रीय राजमार्ग 2 (इंफाल से दीमापुर) के महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग पर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी कर दी। सीओटीयू ने शुक्रवार को जिले में 24 घंटे का बंद भी रखा।
सैबोल में 31 दिसंबर की घटना पर मणिपुर पुलिस ने कहा था कि महिलाओं के एक समूह द्वारा राज्य और केंद्रीय बलों की संयुक्त टीम की आवाजाही को रोकने का प्रयास करने के बाद सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे। मई 2023 से मणिपुर में मीतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं