मणिपुर में सुरक्षाबलों और कुकी महिलाओं के बीच फिर तीखी झड़प, नए साल से पहले बढ़ा तनाव
एक कुकी नेता ने आरोप लगाया कि स्थिति तब और बिगड़ गई जब सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह द्वारा राज्य में पिछले करीब दो साल से फैली जातीय हिंसा पर माफी मांगने के बीच राज्य के कांगपोकपी जिले में कुकी-जो महिलाओं और सुरक्षाकर्मियों के बीच फिर से झड़प की खबर है। मंगलवार को कुकी-जो महिलाओं की एक भीड़ सुरक्षा बलों के साथ भिड़ गई। इस झड़प में करीब 20 महिलाएं घायल हो गई हैं। इससे जातीय संघर्ष से जल रहे राज्य में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है।
पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह घटना थमनपोकपी के पास उयोकचिंग में हुई, जब भीड़ ने सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम की तैनाती को रोकने करने की कोशिश की। पुलिस ने कहा कि संयुक्त बलों ने न्यूनतम बल प्रयोग के साथ भीड़ को तितर-बितर कर दिया और अब स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सुरक्षा बलों को क्षेत्र में निगरानी रखने और क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पहाड़ी की चोटियों पर भी तैनात किया गया है।
इस झड़प के बाद स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि ट्विचिंग के सैबोल गांव में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई लोग घायल हुए हैं, जो कुकी-नियंत्रित पहाड़ियों और मीतेई-प्रभुत्व वाली इंफाल घाटी के बीच तथाकथित 'बफर जोन' में स्थित है। उन्होंने कहा कि स्थानीय महिलाएं सुरक्षा कर्मियों द्वारा सामुदायिक बंकरों पर बलपूर्वक कब्जे का विरोध कर रही थीं, तभी सुरक्षा बलों ने उन पर हमला बोल दिया। इसके बाद महिलाओं ने भी उन पर हमला बोल दिया।
एक कुकी नेता ने आरोप लगाया कि स्थिति तब और बिगड़ गई जब सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने झड़प के मंजर को बताते हुए कहा, "यह युद्ध के मैदान जैसा था।" उन्होंने आगे कहा, "हम अपनी चिंताओं को बताने आए थे, लेकिन हम पर हमले किए गए।" इस घटना के बाद, आदिवासी एकता समिति (CoTU) ने इलाके से केंद्रीय बलों की वापसी की मांग करते हुए इस क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वालेराष्ट्रीय राजमार्ग 2 को अनिश्चित काल के लिए जाम कर दिया है।
CoTU के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे लोगों ने बहुत कुछ सहा है। निहत्थी महिलाओं पर बल का प्रयोग हम स्वीकार नहीं कर सकते हैं।" एनएच-2 को जाम करने से इम्फाल घाटी के मेटेई क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होगी। इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) की महिला शाखा ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा बल प्रयोग में कई महिलाएं घायल हुई हैं। हालांकि, सरकार की ओर से घायल लोगों की संख्या के बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई।
बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में हुए जातीय संघर्ष के लिए मंगलवार को माफी मांगी और सभी समुदायों से पिछली गलतियों को भूलने तथा शांतिपूर्ण व समृद्ध राज्य में एक साथ रहने की अपील की।