जो कुछ भी हुआ, उसके लिए सॉरी; मणिपुर हिंसा के लिए CM बीरेन सिंह ने मांगी माफी
- मुख्यमंत्री की यह अपील ऐसे समय में आई है जब राज्य बीते वर्ष के संघर्षों और हिंसक घटनाओं से जूझ रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाला समय सभी के लिए बेहतर होगा।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में बीते साल हुई घटनाओं पर गहरा अफसोस जताते हुए लोगों से माफी मांगी है। उन्होंने कहा, “यह पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मुझे बहुत खेद है और मैं राज्य के लोगों से कहना चाहता हूं कि जो कुछ भी 3 मई से अब तक हुआ, उसके लिए मैं माफी मांगता हूं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि इन घटनाओं में कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया, और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा, "मुझे इसका बहुत पछतावा है। मैं सभी से माफी मांगना चाहता हूं।"
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 3-4 महीनों में राज्य में शांति बहाल करने की दिशा में सकारात्मक प्रगति हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए साल 2025 के साथ मणिपुर में पूरी तरह से शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी समुदायों से अपील करते हुए कहा, "जो हुआ, वह हो गया। हमें अब बीती गलतियों को भुलाकर एक नई शुरुआत करनी होगी। एक शांतिपूर्ण मणिपुर, एक समृद्ध मणिपुर, हम सभी को मिलकर यहां एक साथ रहना चाहिए।"
हिंसा से निपटने के तरीके को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए सीएम ने इंफाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मणिपुर में शांति बहाल हो रही है। बीरेन सिंह ने कहा, "मणिपुर में शांति बहाल हो रही है और इसका एकमात्र समाधान चर्चा और संवाद है, जिसकी पहल केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है।" मणिपुर में 3 मई, 2023 से ही बहुसंख्यक मैतेई और कुकी के बीच आरक्षण और आर्थिक लाभ को लेकर छिटपुट हिंसा चल रही है। जारी हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, "अब तक कुल मिलाकर लगभग 200 लोग मारे गए हैं और लगभग 12,247 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 625 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। लगभग 5,600 हथियार और विस्फोटकों सहित लगभग 35,000 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। मुद्दों से निपटने में अच्छी प्रगति हुई है। केंद्र सरकार ने विस्थापित परिवारों की मदद के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी और पर्याप्त धनराशि प्रदान की है और विस्थापित व्यक्तियों के लिए नए घर बनाने के लिए पर्याप्त धनराशि दी है..."
मुख्यमंत्री की यह अपील ऐसे समय में आई है जब राज्य बीते वर्ष के संघर्षों और हिंसक घटनाओं से जूझ रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाला समय सभी के लिए बेहतर होगा। मणिपुर में 2024 का साल उथल-पुथल भरा रहा। घाटी में मैतेई समुदाय और पर्वतीय क्षेत्रों में कुकी जनजातीय समुदायों के बीच टकराव 2024 में और गहरा गया, जिससे व्यापक जनहानि, हिंसा, भीड़ के हमले और आम नागरिकों वाले क्षेत्रों में ड्रोन हमले हुए।
कभी अपनी सांस्कृतिक सद्भावना के लिए जाना जाने वाला राज्य अब गहराते विभाजन का सामना कर रहा है, हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और समुदाय निरंतर भय में जी रहे हैं, जबकि तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है और बीते वर्ष राज्य से शांति कोसों दूर रही।