Hindi Newsदेश न्यूज़Farmer leader Dallewal wrote a letter to PM Modi said If I die you are responsible signed with blood

मेरी मौत हुई तो आप जिम्मेदार; किसान नेता डल्लेवाल ने PM मोदी को लिखा खत, खून से किए साइन

  • Farmer leader Dallewal wrote a letter to PM Modi: आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पीएम मोदी को खत लिखा है। उन्होंने कहा कि अगर मेरी मौत होती है तो इसकी जिम्मेदारी उनकी होगी। अपने इस खत पर डल्लेवाल ने खून से हस्ताक्षर किए है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानThu, 12 Dec 2024 09:01 PM
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किसानों की मांगें पूरी करवाने के लिए खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन के 17वें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। डल्लेवाल ने इसमें लिखा कि या तो साल 2011 में किया वादा पूरा करें या फिर मेरी कुर्बानी लेने के लिए तैयार रहें। अगर मेरी मौत हुई तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी। चिट्ठी में उन्होंने अपने खून से हस्ताक्षर किए हैं। डल्लेवाल ने चिट्ठी में लिखा कि अब आप के पास 2 विकल्प हैं, या तो आप अपने 2011 में किये वायदे को पूरा करते हुए देश के किसानों के लिए एमएसपी गारंटी कानून बना दीजिए या फिर आप मेरे आमरण अनशन के माध्यम से मेरी कुर्बानी लेने के लिए तैयार रहें। माननीय नरेंद्र मोदी, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि मेरी मृत्यु होती है तो उसकी जिम्मेदारी आप की होगी, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा किसानों से बार-बार की जा रही वायदाखिलाफी से आहत होकर मैंने अपना आमरण अनशन शुरू किया है, जिसे आज 17 दिन हो चुके हैं। मैं ये भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि यदि शम्भू, खनौरी या रत्नपुरा मोर्चों पर पुलिस की हिंसात्मक कारवाई में कोई जानमाल का नुकसान हुआ तो उसकी जिम्मेदारी भी आपकी होगी। प्रधानमंत्री जी, ये मेरा आपके नाम पहला और आखिरी पत्र है, अब तय आप को करना है कि आप एमएसपी गारंटी कानून बनाएंगे या फिर देश का पेट भरने वाले मेरे जैसे एक साधारण किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल की बलि लेंगे।

डल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर, किडनी-लीवर फेल होने का डर

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन वीरवार को 17वें दिन भी जारी रहा। उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि अब डल्लेवाल के किडनी, लिवर बहुत कमजोर हो चुके हैं। किसी भी समय किडनी और लिवर फेल हो सकता है। हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है। डल्लेवाल कैंसर के मरीज भी हैं और दवाएं भी खाना बंद कर दी हैं। उनका साढ़े बारह किलो से अधिक वजन कम हो गया है। डाक्टरों की टीम के साथ किसानों ने पहले झड़प की लेकिन कुछ एक सीनियर किसानों के बीच बचाव के बाद डाक्टरों की टीम को डल्लेवाल का मैडीकल चैकअप करने की अनुमति दे दी गई। डाक्टरों की टीम ने जांच के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाने की अपील की, जिसे किसान नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया। किसानों की मांग पर डाक्टरों की टीम ने विश्वास दिलाया कि रोजाना जगजीत सिंह की मैडीकल जांच के बाद उसकी रिपोर्ट को मीडिया के जरिए सार्वजनिक किया जाएगा।

कल डल्लेवाल से मिलने आएंगे टिकैत और लक्खोवाल

वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एस.के.एम.) के सीनियर किसान नेता राकेश ​टिकैत और हरिंद्र सिंह लक्खोवाल सहित कई अन्य सीनियर नेता शुक्रवार को खनौरी में जाएंगे। मरणव्रत पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल का हाल जानने के बाद आगे की रणनीति तय करने के लिए अहम बैठक की जाएगी। किसान नेता राकेश टिकैत और हरिंद्र सिंह लक्खोवाल ने संयुक्त रूप से कहा है कि खनौरी और शंभू बॉर्डर पर मोर्चा लगातर जिन किसानों को लग रहा था कि वह अपने बूते पर किसानों की मांगें पूरा करवा लेंगे, उन्हें अब सच्चाई का पता चल चुका है। दोनों नेताओं ने कहा कि वह पहले दिन से कहते आ रहे हैं कि किसानों की मांगों को पूरा करवाने के लिए इकट्ठा होकर ही लड़ाई को जीता जा सकेगा। दोनों नेताओं ने इस बात का संकेत किया कि संभव है कि खनौरी में होने जा रही अहम बैठक दौरान सभी किसान संगठन किसान आंदोलन-2 में एकजुट होकर आगे की रणनीति को तय करें। इन नेताओं ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ी सेहत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के मरणव्रत से केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम व्रत के जरिए मरना नहीं, बल्कि अपने अधिकारियों के लिए मुकाबला करते हुए लड़ना जानते हैं। हालांकि मरणव्रत का फैसला जगजीत सिंह का निजी फैसला था, लेकिन वह अपने किसान नेता को इस तरह से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते।

अनशन खत्म कराने को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल

उधर, किसान नेता डल्लेवाल के आमरण अनशन को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि जल्द डल्लेवाल का अनशन खत्म करवाया जाए और उन्हें जरूरी डॉक्टरी सहायता देने के लिए जरूरी कदम भी उठाए जाएं।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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