डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ अटैक से मोटी कमाई देने वाले भारत के इन उद्योगों पर होगा संकट, कितना नुकसान
- वीकल्स ऐंड ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक, टेलिकॉम और इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स के निर्यात में भी 12 फीसदी तक की गिरावट की आशंकाएं हैं। इनके अलावा प्लास्टिक, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, कारपेट्स जैसी चीजों पर भी असर पड़ने का डर है। भारत को कुछ सेक्टर्स में मोस्ट फेवर्ड नेशन होने का लाभ मिल सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का बड़ा असर भारत पर भी होने वाला है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुमान के अनुसार भारत के वे सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित होंगे, जो एक्सपोर्ट के भरोसे रहते हैं। इन सेक्टर्स में 7.6 अरब डॉलर की बड़ी गिरावट दर्ज की जाएगी। एक्सपोर्ट में आने वाली इतनी बड़ी कमी भारत की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर डालेगी। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ टैरिफ को लेकर वार्ता करना जरूरी हो गया है। थिंक टैंक का कहना है कि भारत के कुछ सेक्टर्स को टैरिफ वॉर से सीमित लाभ होगा, लेकिन कुल मिलाकर भारत की अर्थव्यवस्था पर निगेटिव असर ही होगा। नए टैक्स नियमों के चलते ज्यादातर प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट घटेगा और अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होगा।
ट्रंप प्रशासन का फैसला है कि 9 अप्रैल से भारतीय उत्पादों पर 26 पर्सेंट का अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। फार्मास्युटिकल्स, सेमीकंडक्टर्स और कुछ ऊर्जा उत्पादों को छोड़कर सभी पर यह फैसला लागू होगा। 5 से 8 अप्रैल तक 10 पर्सेंट का बेसलाइन टैरिफ लागू किया गया है। इस फैसले का अध्ययन करते हुए GTRI ने दावा किया है कि भारत के उत्पादों के अमेरिका को होने वाले निर्यात में 2025 में 6.41 फीसदी की कमी आ सकती है। भारत ने अमेरिका को 89.81 अरब डॉलर का सामान 2024 में एक्सपोर्ट किया था। यह एक बड़ा आंकड़ा था, जिसमें जरा सी भी गिरावट भारत की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। इसकी वजह है कि भारत से होने वाले निर्यात में अमेरिका की बड़ी हिस्सेदारी है और वहां से मूल्य भी अच्छा मिलता है।
मछली एवं अन्य जलीय जीवों के एक्सपोर्ट में 20 फीसदी की कमी आ सकती है। इसके अलावा लौह एवं स्टील के एक्सपोर्ट में 18 फीसदी गिरावट की आशंका है। गोल्ड जूलरी और डायमंड के निर्यात में भी 15.3 फीसदी की कमी की संभावना है। बता दें कि ये ऐसे प्रीमियम कारोबार हैं, जो लाखों लोगों को उच्च आय वर्ग वाली कमाई प्रदान करते हैं। ऐसे में इनके एक्सपोर्ट में आने वाली कमी सीधे तौर पर लाखों लोगों के रोजगार पर असर डालेगी और इकॉनमी भी बुरी तरह प्रभावित होगी। यही कारण है कि भारतीय कारोबारी लगातार सरकार से अपील कर रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन से वार्ता की जाए ताकि टैरिफ पर कुछ राहत मिल सके।
वीकल्स ऐंड ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक, टेलिकॉम और इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स के निर्यात में भी 12 फीसदी तक की गिरावट की आशंकाएं हैं। इनके अलावा प्लास्टिक, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स, कारपेट्स और ऑर्गेनिक केमिकल्स जैसी चीजों पर भी असर पड़ने का डर है। हालांकि भारत को कुछ सेक्टर्स में मोस्ट फेवर्ड नेशन होने का लाभ मिल सकता है।