जहां रहती है हर दम चहल पहल, तो कैसे शौचालय के पास पहुंची नवजात
Santkabir-nagar News - हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में बीते गुरुवार सुबह करीब 11

हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में बीते गुरुवार सुबह करीब 11 बजे एक नवजात का मिलना अस्पताल में चर्चा का विषय बना हुआ है। इमरजेंसी में जहां पर हमेशा लोगों के आने व जाने की भीड़ लगी रहती है। इस जगह पर किसने कब, क्यों और किसलिए इस नवजात को रख दिया इस घटना को लेकर अस्पताल में हर जगह पर चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि सुरक्षा के नाम पर हर माह लाखों रूपए खर्च किए जाते हैं लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीज के साथ कर्मी भी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे है।
कर्मचारी तो यहां तक कह रहे हैं कि इसी तरह यदि कोई बम रख कर चला जाय तो अस्पताल को भनक तक नही लगेगी। बहरहाल लावारिश नवजात चिकित्सकों की देखरेख में एसएनसीयू में भर्ती है जहां पर वह पूरी तरह से स्वस्थ है। बीते गुरुवार को सुबह में जिला अस्पताल के इमरजेंसी के शौचालय के पास रखे स्ट्रेचर के बीच में एक लावारिश नवजात मिलने की घटना को लेकर हर कोई अचंभित है। सब लोग यही कह रहे हैं कि यहां पर भूतपूर्व सैनिक के अलावा अवनि परिधि संस्था से सुरक्षा गार्ड को तैनात किया गया है। इतना ही नहीं हर समय यहां पर गंभीर मरीज उपचार कराने आते हैं। इन मरीजों के साथ उनके परिजन भी पहुंचे रहते हैं फिर भी कब इस लावरिश नवजात को रख कर कोई चला गया किसी को भनक तक नहीं लगी। ऐसे में अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं। इतना ही नहीं सुरक्षा के नाम पर अस्पताल में सौ के आसपास सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। जिसकी निगरानी सीएमएस स्वयं करते रहते हैं तो फिर आखिर अब तक इस घटना के तह तक अस्पताल प्रशासन क्यों नहीं पहुंच पाया। ------------------------------------------- महज एक से दो घंटे पहले पैदा हुई थी लावारिश नवजात एसएनसीयू में भर्ती नवजात की देख रेख कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कुमार ने बताया कि जब वह इस वार्ड में पहुंची तो प्रसव करीब एक से दो घंटे पहले होने की संभावना है। इतना ही नहीं समय पूर्व भी प्रसव हुआ है। नवजात की उम्र करीब सात माह है। लेकिन वह पूरी तरह से स्वस्थ्य है। दूसरी महिला का स्तनपान भी कराया जा रहा है। ------------------------------------ सीसीटीवी में भी नहीं मिल पा रहा इस घटना का सुराग वैसे तो अस्पताल प्रशासन हमेशा दंभ भरता है कि हर जगहों पर सीसीटीबी कैमरे की निगरानी हो रही है। तो आखिर घटना के 30 घंटे बाद भी इस घटना के तह तक सीएमएस नही पहुंच सके। इससे यह अंदाजा लागाया जा सकता है कि सरकार के द्वारा लाखों रूपये खर्च कर लोगों की सुरक्षा में लगे ये सीसीटीवी कैमरे कितने तैयार हैं। अब हर कोई यही कह रहा है कि अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी। सभी तैयारियां केवल हवा हवाई ही हैं। --------------------------------- आखिर किसको पता रहा कि इस जगह पर सीसीटीवी कैमरे की नजर नहीं जानकारी के अनुसार जिस जगह पर लावारिश नवजात को रखा गया था उस जगह पर सीसीटीवी कैमरे की नजर नहीं रहती है। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता कि जिस किसी को यह पता रहा होगा कि इस जगह पर घटना को आसानी से अंजाम दिया जा सकता वह पूरी तरह से सफल हो गया। लेकिन अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को धता साबित कर दिया। --------------------------------------- चाइल्ड हेल्प लाइन को सौंपी जाएगी लावारिश नवजात अस्पताल में मिली लावारिश नवजात की देखभाल एसएनसीयू में चिकित्सकों की निगरानी में की जा रही है। इस वार्ड में वह 15 दिनों तक रहेगी। इसके बाद प्रशासन की निगरानी में अस्पताल प्रशासन चाइल्ड हेल्प लाइन को सौंपेगी। जहां पर उसके जीवन यापन के लिए किसी को सौंपा जाएगा।
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