NEET मामले में तमिलनाडु की स्टालिन सरकार को केंद्र से झटका, खारिज हो गया विधेयक
- NEET मामले में तमिलनाडु की स्टालिन सरकार को केंद्र से झटका लगा है। विधानसभा में पास किए गए नीट से छूट देने वाले विधेयक को केंद्र ने खारिज कर दिया है।

मेडिकल कोर्स में ऐडमिशन के लिए NEET की परीक्षा का विरोध करने वाली तमिलनाडु की सरकार को बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने मेडिकल में प्रवेश के लिए NEET की परीक्षा से छूट देने औ 12वीं के अंकों के आधार पर ऐडमिशन देने के लिए विधानसभा में पास किए गए विधेयक को खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में बताया कि 2021 और 2022 में दो बार इस बिल को विधानसभा में पास किया गया। लंबे समय से यह केंद्र सरकार के पास लंबित था और अब इसे खारिज कर दिया गया है।
पिछले साल जून में विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पास किया गया था जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार को नीट की परीक्षा खत्म कर देनी चाहिए और स्कूल के अंकों के हिसाब से मेडिकल में प्रवेश देना चाहिए। केंद्र की बीजेपी सरकार को पर हमला बोलते हुए स्टालिन ने कहा हि देश संघवाद के काले दिनों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि चाहे हिंदी को थोपने का मामला हो या फिर परिसीमन का, केंद्र हमारी गरिमा को ठेस पहुंचाने में लगा है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की सरकार ने सारे जरूरी तर्क दिए थे इसके बाद भी केंद्र ने एक नहीं सुनी। मुख्यमंत्री ने एक इस मामले में आगे के कदम पर विचार करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।बताया जा रहा है कि 9 अप्रैल को यह बैठक हो सकती है।
स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार ने भले ही तमिलनाडु सरकार के निवेदन को ना माना हो लेकिन हम कानूनी सलाह लेंगे और इस चुनौती से निपटने के लिए जो भी जरूरी होगा किया जाएगा। तमिलनाडु सरकार का कहना है कि मौजूदा सिस्टम से केवल अमीरों को फायदा होता है। वे महंगी कोचिंग में अपने बच्चों को पढ़ा पाते हैं। स्टालिन का कहना था कि अगर स्कूल के मार्क्स के आधार पर ऐडमिशन दिया जाएगा तो इससे गरीब बच्चों को भी फायदा मिलेगा।
बीते साल नीट की परीक्षा को लेकर काफी विवाद हुआ था। पेपर लीक के आरोपों के बीच मांग की गई थी कि परीक्षा को रद्द कर दिया जाए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया था। बीते साल जुलाई से पश्चिम बंगाल की सरकार भी तमिलनाडु की सरकार का समर्थन कर रही है।