Hindi Newsदेश न्यूज़be either an advocate or journalist will not allow such Double role Why SC Judge got angry over UP Advocate

वकालत कर लो या पत्रकारिता, डबल रोल करने नहीं दे सकते; क्यों भड़क गए SC जज

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अधिवक्ता-सह-पत्रकार की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नया नोटिस जारी किया। यह मामला मोहम्मद कामरान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य का है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 21 Oct 2024 02:42 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है कि एक वकील वकालत के पेशे में रहते हुए पत्रकारिता जैसे पेशे की दोहरी भूमिका कैसे निभा सकता है, जबकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक दोहरी भूमिका निभाना प्रतिबंधित है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दो टूक लहजे में कहा कि किसी भी वकील को डबल रोल निभाने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने वकील के डबल रोल पर सवाल उठाए थे और इसे व्यावसायिक कदाचार बताया था।

आज फिर जब उस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो जस्टिस ओका ने कहा, "आप या तो वकालत कर लीजिए या फिर पत्रकारिता। हम इस तरह की प्रैक्टिस की अनुमति नहीं देंगे।" कोर्ट ने आरोपी अधिवक्ता से कहा, जो उस समय एक पत्रकार के तौर पर भी काम कर रहा था, जब बार काउंसिल के नियमों में ऐसी दोहरी भूमिकाएं निभाने पर प्रतिबंध है तो आपको हम इसकी इजाजत कैसे दे सकते हैं।

जस्टिस ओका ने कहा, "हम ऐसी दोहरी भूमिका की अनुमति नहीं दे सकते। यह एक नेक पेशा है। आप यह भी नहीं कह सकते कि एक स्वतंत्र पत्रकार हैं।" इसके बाद पीठ ने अधिवक्ता-सह-पत्रकार की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नया नोटिस जारी किया। यह मामला मोहम्मद कामरान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य का है।

दरअसल, डॉ. मोहम्मद कामरान इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस करते हैं और साथ में ही वह स्वतंत्र पत्रकारिता भी करते हैं। उन्होंने भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज किया था, जिसे इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कामरान ने अपनी याचिका में आरोप लगाए थे कि तत्कालीन भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने उन्हें बदनाम करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को सितंबर 2022 में पत्र लिखे थे। जब हाई कोर्ट ने कमरान की मानहानि की अर्जी इस साल मार्च में खारिज हो गई तो उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।

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अपील याचिका में कामरान ने लिखा कि वह वकील और पत्रकार दोनों हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता और नाराजगी जताई और कहा कि नियमों के मुताबिक, एक वकील कोई दूसरा पेशा नहीं अपना सकता। पीठ ने अपीलकर्ता मोहम्मद कामरान के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से भी जवाब मांगा है।

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