11 साल बाद परिजनों से मिला समरा, परिजनों में खुशी
तीनपहाड़ के सालगाछी से 11 साल पहले लापता समरा पहाड़िया अपने परिजनों से मिला। गुस्से में घर से भागकर समरा ने कई शहरों की यात्रा की। 20 साल की उम्र में, वह एक नाबालिग के साथ भागकर वापस आया। परिवार ने उसे...

तीनपहाड़। सालगाछी से लगभग 11 साल पहले लापता हुआ आदिम जनजाति का किशोर समरा पहाड़िया उर्फ सन्नी सोमवार को परिजनों से मिला। 11 साल के बाद अचानक मां से मिलने पर युवक को पहले पहचानने में दिक्कत हुई फिर धीरे-धीरे मां तथा परिजन उसे पहचान गये। परिजनों में खुशी का माहौल है। तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के सालगाछी पंचायत के कोचलो पहाड़ गांव में समरा पहाड़िया अपने दो भाइयों के वाद तीसरे नम्बर पर था। समरा ने बताया की वह करीब 9 साल का था उस समय वह परिजन से किसी बात को लेकर गुस्से में घर से भाग गया था। समरा बताता हैं कि 2014 में वह गाव से भाग कर तीनपहाड़ स्टेशन पहुचा जहा से वह ट्रैन पकड़ कर साहिबगंज गया और वहा से ट्रेन पकड़ कर हावड़ा और फिर किसी ट्रैन को पकड़ वह पंजाब के लुधियाना पहुच गया इस दौरान उसने बिना टिकट ही सफर किया था।उसे यह पता नही था कि उसे कहा जाना है उसके मन मे यह था कि उसे बस अपने घरसे काफी दूर जाना था जो भी ट्रेनें मिलते गयी वह उसपर सवार होकर आगे बढ़ता गया वह जब पंजाब के लुधियाना के जनेबाल पहुचा तो वह जगह उसके लिए अनजान थी।फिर इधर उधर भटकता रहा उसके पास जो भी 10-15 रुपए थे वह खर्च हो चुका था।तभी किसी व्यक्ति की नज़र उसपे पड़ी वह उससे बातचीत किया और समरा ने उसे अपनी पूरी बात बताई जिसके बाद वह उसे एक टायर फैक्टरी लेगया जहा समरा कार्य करने और रहने लगा।कभी कभार उसे घर और परिजनों की याद आती थी लेकिन वह घर अकेले घर कैसे पहुचेगा यह सोच कर वह नही आपाता था।वही इस दौरान समरा के परिजनों ने भी उसे काफी ढूंढने की कोशिश किया लेकिन कही कुछ पता नही चल पाया थक हारकर वह अब समरा के वापस आने की उम्मीद भी छोड़ चुके थे।लेकिन समरा की माँ मेशी पहाड़िन बताती है कि उसे उम्मीद थी कि उसका बेटा कही चला गया होगा और एक दिन जरूर वापस आएगा।वही धीरे धीरे समय बीतता गया समरा अब 20 वर्ष का होगय था वही कार्य करने के दरम्यान वही कार्य करने वाली एक नाबालिग से प्रेम प्रसंग होजाता है जिसके बाद वह उसे लेकर वहा से भाग निकलता है वही उसने घर का पता मोबाइल में ढूंढ लिया था जहा से वह उस महिला मित्र के साथ किसी ट्रैन से रविवार की देर रात्रि तीनपहाड़ स्टेशन पहुचता हैं।जहा से वह अपने गाव जाने के लिए टेम्पू यह टोटो ढूंढने लगता है लेकिन रात होने के कारण उसे कोई वाहन नही मिलती जिससे दोनो को भटकता देख स्थानीय पुलिस ने उन दोनो को थाना लाकर जहाँ पूछ ताछ किया जिसमें किशोरी ने लड़के के साथ घरसे भाग आने की बात कहती है।वही लड़के के द्वारा बताए पते पर पुलिस उसके परिजन को सूचना देते हैं जिसके बाद परिजन उसे थाना पहुच पहचान लेते हैं इस दौरान सामरा अपने परिजनों से लिपट रोने लगता है। वही समरा बताता है कि वह अब अपने परिजनों के साथ ही रहेगा दोबारा कभी घर से नहीं जाएगा।
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