जिला टॉपर आयुष राज को बचपन से फिजिक्स किताबों से रहा है गहरा लगाव
सीबीएसई 12वीं परीक्षा में पीवीएसएस डीएवी पब्लिक स्कूल के छात्र आयुष राज ने जिला टॉपर बनकर 97.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। आयुष ने इंग्लिश, फिजिक्स, मैथमेटिक्स, और फिजिकल एजुकेशन में उच्च अंक हासिल...

कोडरमा संवाददाता। सीबीएसई द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में पीवीएसएस डीएवी पब्लिक स्कूल के छात्र आयुष राज ने जिला टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है। आयुष राज को इंग्लिश में 95 फिजिक्स में 95 मैथमेटिक्स में 99 और फिजिकल एजुकेशन में 99 अंक,एडीशनल सब्जेक्ट कंप्यूटर साइंस में 98 अंक प्राप्त हुए हैं। आयुष ने कुल 486 अंकों के साथ 97.2 प्रतिशत प्राप्त किया है। तैयारी के अनुसार बेहतर अंक प्राप्त करने की थी उम्मीद शीतला माता मंदिर के समीप निवासी शिक्षक मनोज कुमार सिंह और गृहणी पूनम सिंह के पुत्र आयुष राज ने लोकल 18 से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि परीक्षा से पहले की गई कड़ी मेहनत और परीक्षा बेहतर जाने के बाद उन्हें बेहतर अंक प्राप्त होने की उम्मीद थी. हालांकि जिला टॉपर बनने को लेकर उन्होंने कभी सोचा नहीं था. बस मेहनत करते हुए अपना बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि स्कूल से आने के बाद थोड़ा आराम करने के बाद वह फिर पढ़ाई में लग जाते थे।
आयुष ने बताया कि 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद रिसर्च के क्षेत्र में अपने करियर की तरफ अपना कदम आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने बताया कि उनके पिता निजी स्कूल में फिजिक्स के शिक्षक हैं। बचपन से ही उनका जुड़ाव फिजिक्स की किताबों से अधिक रहा है। उन्होंने बताया कि थियोरेटिकल फिजिक्स के क्षेत्र में रिसर्च करेंगे और वर्षों से किताबों में पढ़ाई जा रही फिजिक्स के थ्योरी को और बेहतर तरीके से समझते हुए उस क्षेत्र में आगे बढ़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले 10वीं की परीक्षा में भी 97.8 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिला टॉपर बने थे। सैंपल टेस्ट पेपर का हल करने से परीक्षा में होती आसानी आयुष के मुताबिक 12वीं की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना दो साल पहले ही छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग करना तब तक खराब नहीं है, जब तक आप उसे अपने अच्छे काम के लिए करते हैं। कई बार बच्चे यूट्यूब का सहारा लेकर सब्जेक्ट के कांसेप्ट को बेहतर तरीके से समझते हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा से पहले बाजार में उपलब्ध सैंपल टेस्ट पेपर को हल विद्यार्थियों को जरूर करना चाहिए। इससे परीक्षा के पैटर्न की समझ और तय समय में प्रश्न पत्रों को हल करने का बेहतर अभ्यास होता है। जिला टॉपर बनने करना पड़ता है कडी मेहनत: पिता आयुष के पिता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बेटे के जिला टॉप करने पर पूरे परिवार में खुशी व्याप्त है। यह मौका खुशनसीब वाले को ही मिलता है। बोर्ड की परीक्षा में बच्चों को जितने भी अंक प्राप्त हुए हैं, वह भी बेहतर है। हालांकि जिला टॉपर बनने के लिए कडी मेहनत करना पड़ता है। मेहनत के आधार पर कोई भी बच्चा जिला टॉपर बनने का गौरव हासिल कर सकता है। माता पूनम सिंह ने बताया कि परीक्षा से पहले लंबे समय तक बेटे की तैयारी को देखकर उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि उनका बेटा जिले में बेहतर स्थान हासिल करेगा।
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