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झारखंड में बहुत सस्ती होने वाली है विदेशी शराब, बीयर के दाम बढ़ेंगे; सोरेन कैबिनेट का फैसला

झारखंड की हेमंत सोरेन कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। अब खुदरा शराब की बिक्री निजी हाथों में रहेगी। इसके साथ ही सरकार ने विदेशी शराब के दामों में कटौती करने का फैसला किया है, लेकिन बीयर के दाम बढ़ सकते हैं।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, रांचीFri, 16 May 2025 06:31 AM
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झारखंड में बहुत सस्ती होने वाली है विदेशी शराब, बीयर के दाम बढ़ेंगे; सोरेन कैबिनेट का फैसला

झारखंड में अब खुदरा शराब की बिक्री निजी हाथों रहेगी। वहीं, शराब की थोक बिक्री की जिम्मेदारी झारखंड बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के पास होगी। राज्य सरकार की नई झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री के लिए दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2025 में विदेश से आयातित शराब पर वैट की दर में काफी कमी की गई है, ऐसे में आयातित शराब की कीमतों में भारी कमी के संकेत हैं। वहीं बीयर और देश के अंदर बनने वाली शराब की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी होगी। हालांकि वैट की दरों से जुड़ी प्रस्तावित कीमत को लेकर आगे कैबिनेट की मुहर की जरूरत होगी।

सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 17 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। इसमें सबसे महत्वपूर्ण झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री के लिए दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2025 है। कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने इसकी जानकारी दी।

राज्य सरकार ने आयातित शराब में उत्पाद राजस्व कम किए जाने से बिक्री में 250 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान रखा है। वहीं बीयर के दामों में 10 रुपये तक की आंशिक बढ़ोतरी संभव है। राज्य सरकार ने देसी शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए उत्पाद राजस्व दर को कम किया है। दर कम किए जाने से देसी शराब की कीमत अब अवैध तरीके से बेचे जाने वाले महुआ चुलाई शराब के समान होगी। सरकार के आकलन के मुताबिक, देसी शराब की बिक्री में 500 प्रतिशत तक बढ़ोतरी संभावित है।

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि राज्य में अभी 1453 दुकानें चल रही हैं। निजी हाथों में दुकानों का आवंटन लॉट्री के माध्यम से किया जाएगा। एक व्यक्ति को सभी जिलों में अधिकतम 36 दुकानें मिलने का प्रावधान है। कई दुकानों में शराब की अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) से भी ज्यादा लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी सूचना विभाग को भी है। नई नियमावली के लागू होने के बाद इस पर सख्ती की जाएगी। सचिव ने बताया कि नई उत्पाद निधि को लागू करने में कम से कम एक माह का समय लगेगा।