Tribal Community Meeting Discusses Reservation Policy and Rights in Gumla आदिवासी समुदाय की समस्याओं पर हुई चर्चा , Ghumla Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsGhumla NewsTribal Community Meeting Discusses Reservation Policy and Rights in Gumla

आदिवासी समुदाय की समस्याओं पर हुई चर्चा

गुमला में आदिवासी समुदाय के प्रबुद्धजनो और सामाजिक संगठनों की बैठक हुई, जिसमें आरक्षण नीति, स्थायी रोजगार और आदिवासी अधिकारों पर चर्चा की गई। प्रतिनिधियों ने सरकारी विभागों में उचित प्रतिनिधित्व की...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुमलाTue, 29 April 2025 01:00 AM
share Share
Follow Us on
आदिवासी समुदाय की समस्याओं पर हुई चर्चा

गुमला, संवाददाता। आदिवासी समुदाय के प्रबुद्धजनो और सामाजिक संगठनों की बैठक जिला मुख्यालय के दुंदुरिया स्थित उरांव क्लब में आयोजित हुई। जगरनाथ उरांव की अध्यक्षता वाले बैठक में आदिवासी समुदाय की समस्याओं पर गहरी चर्चा की गई। वहीं आरक्षण नीति,स्थायी रोजगार और आदिवासी अधिकारों के मुद्दे उठाए गए।बैठक में राज्य में आरक्षण नीति के प्रभावी अनुपालन की आवश्यकता पर जोर दिया गया। विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकारी विभागों, निगमों और निकायों में आरक्षित वर्गों के लिए नियुक्तियों और प्रमोशन में उचित प्रतिनिधित्व का अभाव है। इसके कारण यह समुदाय मुख्यधारा से पूरी तरह से बाहर होते जा रहे हैं। साथ ही बैकलॉग पदों के लिए भर्ती में भी अनियमितता देखी जा रही है। बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि अनुबंध आधारित नौकरियों के माध्यम से स्थायी नियुक्तियों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। विशेष रूप से सरकारी खर्चों से चलने वाले विभागों में अनुबंध आधारित नियुक्तियां बढ़ रही हैं। जो आरक्षण नीति के पूर्ण उल्लंघन के रूप में सामने आ रही हैं। बैठक में आदिवासी विधायकों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए मांग गई कि आदिवासी विधायक विधानसभा में आदिवासी समुदाय के बुनियादी और संवैधानिक अधिकारों के मुद्दों को उठाना चाहिए,जो अब तक नजरअंदाज किए जा रहे हैं।बैठक में पेसा कानून की नियमावली की शीघ्रता से व्यवस्था करने की भी मांग की गई, ताकि जल, जंगल,जमीन, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े मुद्दों का सही समाधान हो सके। साथ ही आदिवासी समुदाय को शहरी क्षेत्रों में जमीन खरीदने और बसने का अधिकार दिए जाने की अपील की गई, जिससे वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें। सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने यह भी सरकार से मांग की कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से आदिवासी समुदाय को ऋण मुहैया कराए जाने की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाए, ताकि वे स्वरोजगार और विकास की दिशा में कदम बढ़ा सकें।बैठक में पूर्व डीडीसी पुनई उरांव समेत आदिवासी समुदाय के कई अन्य प्रबुद्ध सदस्य भी उपस्थित थे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।