कौन है टॉमी रॉबिन्सन, उसकी रिहाई के लिए ब्रिटिश हुकूमत से पंगा क्यों ले रहे एलन मस्क
एलन मस्क ने जेल में बंद टॉमी रॉबिन्सन को रिहा करने का आह्वान किया है और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री सर कीर स्टारर की आलोचना की है।
अमेरिकी अरबपति कारोबारी एलन मस्क नए साल में भी अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करना जारी रखे हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में दमखम दिखाने के बाद अब एलन मस्क ने यूरोप का रुख किया है। वह जर्मनी और ब्रिटेन पर भी अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं। दोनों ही देशों में चुनाव होने वाले हैं। इस बीच, उन्होंने एक विवादास्पद ब्रिटिश दक्षिणपंथी राजनीतिक शख्स टॉमी को अपना समर्थन जताया है।
इतना ही नहीं मस्क ने जेल में बंद टॉमी रॉबिन्सन को रिहा करने का आह्वान किया है और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री सर कीर स्टारर की आलोचना की है। इससे पहले मस्क रिफॉर्म यूके के नेता निजेल फरेज का समर्थन कर चुके हैं और उनकी पार्टी को 100 मिलियन डॉलर यानी 850 करोड़ रुपये का दान देने की बात कह चुके हैं।
कौन है टॉमी रॉबिन्सन
टॉमी रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है। वह ब्रिटिश सामाजिक आंदोलन इंग्लिश डिफेंस लीग का संस्थापक है, जो फिलहाल जेल में बंद है। उसे दक्षिणपंथी कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। रॉबिन्सन को ब्रिटेन में कई आपराधिक मामलों में दोषी पाया गया है। फिलहाल एक सीरियाई शरणार्थी से जुड़े केस में अदालत की अवमानना के आरोप में 18 महीने जेल की सजा काट रहा है।
रॉबिन्सन ने अदालती मनाही के बावजूद 15 साल के एक सीरियाई शरणार्थी से जुड़ा एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित किया था। इस डॉक्यूमेंट्री में उसने मुस्लिम किशोर के साथ यौन अपराध को दिखाया था। ब्रिटिश अदालत के जज ने इस डॉक्यूमेंट्री में किए गए दावों को आधारहीन करार दिया था। रॉबिन्सन की यह पांचवीं सजा है। रिफॉर्म यूके पार्टी के नेता निजेल फरेज पहले यूके इंडिपेंडेस पार्टी (UKIP) से जुड़े थे लेकिन जब रॉबिन्सन के साथ उस पार्टी का जुड़ाव हुआ, तब फरेज ने UKIP छोड़ दी और रिफॉर्म यूके पार्टी बना ली।
सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट की झड़ी लगाते हुए मस्क ने कहा, "रॉबिन्सन, जिन्होंने दूर-दराज इंग्लिश डिफेंस लीग की स्थापना की और जिनका असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है, को रिहा किया जाना चाहिए।" इसके साथ ही मस्क ने रॉबिन्सन की उसी विवादित डॉक्यूमेंट्री को एक्स पर पोस्ट कर दिया, जो एक घंटे 45 मिनट का है। मस्क के इस रुख से ब्रिटेन में खलबली है और कई ब्रिटिश सांसदों ने इस पर आश्चर्य प्रकट किया है। कई सांसदों ने मस्क की भाषा को छलपूर्ण और खतरनाक करार दिया है।
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