ट्रंप के टैरिफ से चौड़ी हो रही खाई, मशहूर वाहन निर्माता ने US को रोकी शिपमेंट; भारत से भी कनेक्शन
कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 तक जगुआर लैंड रोवर की कुल बिक्री 30 अरब डॉलर की थी, जिसमें अमेरिकी हिस्सेदारी 6.5 अरब डॉलर की थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने और चीन द्वारा जवाबी कार्रवाई करने से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध गहरा गया है। दूसरी तरफ अमेरिका से लेकर पूरी दुनिया में धराशायी होते स्टॉक मार्केट और मंदी की आशंका के बीच ब्रिटिश लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर ने घोषणा की है कि वह अगले एक महीने के लिए अमेरिका जाने वाली अपनी सभी शिपमेंट रोक रहा है। वाहन निर्माता कंपनी ने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति की टैरिफ नीति के जवाब में उठाया है।
मार्च के आखिरी दिनों में ट्रंप ने अमेरिका में आयात होने वाली सभी तरह की कारों पर 25 फीसदी का टैरिफ लगा दिया था, जो पिछले गुरुवार से लागू हो चुका है। इसके अलावा उन्होंने पिछले बुधवार को कथित मुक्ति दिवस के दिन कई देशों पर भारी-भरकम जवाबी शुल्क लगाया था। हालांकि ब्रिटेन को उससे छूट मिली हुई थी लेकिन वह भी 10 फीसदी के बेसलाइन टैरिफ की चपेट में आ गया, जो सभी देशों पर लगाया गया है।
एक महीने के लिए निर्यात पर रोक
टाइम्स ऑफ लंदन की एक रिपोर्ट के मुताबिक जगुआर लैंड रोवर हर साल अमेरिका में लगभग एक लाख कारें सप्लाई करता था लेकिन टैरिफ वॉर के बीच कंपनी ने ब्रिटेन स्थित अपने मुख्य कारखाने से इसकी अमेरिका में होने वाली सप्लाई पर अगले एक महीने के लिए रोक लगा दी है। कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में जगुआर लैंड रोवर ने 431,733 वाहन बेचे। जगुआर लैंड रोवर ब्रिटेन में 38,000 लोगों को रोजगार देता है, जो इसका मुख्य कारखाना है। इसके अलावा बाकी दुनिया भर के देशओं में करीब 6,000 लोग जगुआर लैंड रोवर में काम करते हैं। अमेरिका में इसके सबसे लोकप्रिय उत्पादों में रेंजर रोवर स्पोर्ट और रोवर डिफेंडर एसयूवी शामिल हैं।
भारत से क्या कनेक्शन?
कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 तक जगुआर लैंड रोवर की कुल बिक्री 30 अरब डॉलर की थी, जिसमें अमेरिकी हिस्सेदारी 6.5 अरब डॉलर की थी। अमेरिका इसका सबसे बड़ा एकल बाजार है। अमेरिका के बाद चीन में कंपनी की कुल बिक्री 5.4 अरब डॉलर जबकि UK में 5 अरब डॉलर से ज्यादा रही है। बता दें कि जनवरी 2008 से जगुआर लैंड रोवर का स्वामित्व भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स के पास है।
टाटा मोटर्स के शेयरों में गिरावट
कंपनी ने कहा है कि नई घोषणा से कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने का कोई इरादा नहीं है और कर्मचारियों की मौजूदा संख्या पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कंपनी अमेरिका में कार प्रोडक्शन नहीं करती है। यह अमेरिका में उसे निर्यात करती है लेकिन टैरिफ बढ़ने से उसकी बिक्री प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई थी, इसलिए कंपनी ने शिपमेंट ही रोक दी। कंपनी के इस फैसले का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला है। टाटा मोटर्स के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है।
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