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सऊदी अरब और रूस ने मिलकर कर दिया बड़ा खेल, US समेत पश्चिमी देशों का निकल रहा तेल, दोनों बटोर रहे धन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ओपेक प्लस देशों खासकर सऊदी अरब से कम ऊर्जा लागत सुनिश्चित करने और कोविड महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था की मदद के लिए तेल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया है।

Admin लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 3 Oct 2023 10:17 AM
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दो बड़े तेल उत्पादक देशों सऊदी अरब और रूस ने मिलकर तेल बाजार में खेल कर दिया है, जिसका खामियाजा अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों को भुगतना पड़ रहा है। इस खेल की वजह से सऊदी अरब और रूस ने हाल के महीनों में अतिरिक्त तेल राजस्व में अरबों डॉलर कमाए हैं। दरअसल ये अतिरिक्त कमाई तेल उत्पादन में कटौती की वजह से आई है।

अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दो ओपेक प्लस देशों द्वारा उत्पादन में कटौती का जोखिम भरा विकल्प चुनने के बाद क्रूड ऑयल की कीमतों में 100 डॉलर प्रति बैरल तक का उछाल आ गया है। दोनों देशों ने जुलाई 2023 में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का ऐलान किया था। इससे तेल बाजार में तेल की सप्लाई कम हो गई जबकि डिमांड अधिक होने से उसकी कीमतें बढ़ गईं।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस खेल से दोनों देश रोजाना तीन करोड़ डॉलर की कमाई कर रहे हैं। अप्रैल से जून महीने की अवधि की तुलना में जुलाई से सितंबर की तिमाही में सऊदी अरब ने कच्चे तेल के निर्यात से 2.6 अरब डॉलर की अतिरिक्त कमाई की है, जबकि रूस ने इसी दौरान 2.8 अरब डॉलर की कमाई की है।

बता दें कि जब दोनों देशों ने तेल उत्पादन में कटौती का ऐलान किया था, तब कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 76 डॉलर थी लेकिन आज कच्चे तेल की कीमत 93 डॉलर प्रति बैरल है। इसी तरह की मुहिम यानी तेल की कीमतें बढ़ाने के लिए पिछले साल भी ओपेक प्लस देशों ने तेल उत्पादन में कटौती का ऐलान किया था। तब पिछले साल अक्टूबर में प्रतिदिन 20 लाख बैरल तेल कम उत्पादन का फैसला लिया गया था। इस साल जुलाई में सऊदी अरब ने 10 लाख बैरल प्रतिदिन तो रूस ने पांच लाख बैरल प्रतिदिन तेल उत्पादन में कटौती का फैसला किया था।

सऊदी अरब और रूस की जदुगलबंदी में लिया गया यह फैसला अमेरिका के लिए एक नया झटका है क्योंकि राष्ट्रपति जो बाइडेन, क्रूड ऑयल की कम सप्लाई और उसकी बढ़ती कीमतों से चिंतित हैं। वहां महंगाई बढ़ रही है, जबकि अगले साल फिर से वहां राष्ट्रपति चुनाव होना है। अमेरिका यह तर्क देता रहा है कि दुनियाभर के देशों के आर्थिक विकास का समर्थन करने और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध के दौरान अधिक राजस्व अर्जित करने से रोकने के लिए क्रूड ऑयल की कीमतें कम की जाएं।

इस बीच, अमेरिका और पश्चिमी सहयोगियों ने ओपेक प्लस देशों से कम ऊर्जा लागत सुनिश्चित करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था की मदद के लिए तेल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया है। ओपेक प्लस उत्पादकों का तर्क है कि वे बाजार की स्थिरता बनाए रखने और पहले के स्तर तक पहुंचने के लिए काम कर रहे हैं।

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