हिजाब नहीं पहना तो हो जाएगी 10 साल की सजा, ईरान ने बनाया कड़ा कानून
ईरान की संसद में महिलाओं के लिए हिजाब की अनिवार्यता को लेकर बेहद कड़ा कानून बनाया गया है। अब महिलाओं को हिजाब ना पहनने परभारी जुर्माने के साथ 10 साल की सजा हो सकती है।
ईरान में महिलाएं हिजाब पहनने की अनिवार्यता के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थीं और इसी बीच यहां की इस्लामिक सरकार ने कड़ा कानून बना दिया है। ईरान की संसद में पारित विधेयक में कडी सजा का प्रावधान किया गया है। हिजाब पहनने से इनकार करने या फिर उनका समर्थन करने पर बारी जुर्माने के साथ 10 साल की कैद हो सकती है। यह कदम 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत की सालगिरह के कुछ ही दिनों बाद आया, जिसेदेश के ड्रेस कोड का उल्लंघन करनेके लिए नैतिकता पुलिस ने हिरासत में लिया था।
गौरतलब है कि ईरान में पिछले साल महसा अमीनी की हिरासत में मौत के बाद महीनों तक विरोध प्रदर्शनों हुए। लोगों ने ईरान की धर्मशाही को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। 70-आइटम विधेयक के मुताबिक जो लोग हिजाब पहनने से इनकार करते हैं उनपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं संगठित तरीके से इसका समर्थन करने पर 10 साल की सजा हो सकती है।
16 सितंबर, 2022 को अमिनी की मौत से भड़का प्रदर्शन इस साल की शुरुआत में असहमति पर भारी कार्रवाई के बाद खत्म हो गया था। इसमें 500 सेअधिक प्रदर्शनकारी मारे गए और 22 हजार सेअधिक को हिरासत में लिया गया। लेकिन कई महिलाओं नेहिजाब पहनने के नियमों का उल्लंघन जारी रखा, जिससे गर्मियों मेंउन्हें लागू करने के लिए एक नया अभियान चलाया गया।
ईरान के मौलवी शासक हिजाब कानून को इस्लामिक गणराज्य के प्रमुख स्तंभ के रूप में देखते हैं और बिना सबूत दिए पश्चिमी देशों पर विरोध प्रदर्शन का आरोप लगाते हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि देश में मौलवियों के शासन और बढ़ते भ्रष्टाचार के प्रति उनका गुस्सा था। ईरान में इस विधेयक को 290 सीटों वाली संसद में 152 वोटों से पारित कर दिया गया है। हालांकि अभी संवैधानिक निगरानी करने वाली गार्जियन काउंसिल द्वारा इसे मंजूरी दी जानी है। यह कानून पहले तीन साल के लिए लागू किया जाएगा।
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