Hindi Newsविदेश न्यूज़Myanmar earthquake terrible stench now started spreading from dead bodies lying on streets

मलबे के नीचे दबे शव सड़ने लगे, शहरों में फैल रही दुर्गंध; म्यांमार में भूकंप से 1700 से अधिक मौतें

  • स्थानीय लोग बिना भारी उपकरणों की मदद के जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटे हैं। 41 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में हाथों और फावड़ों से मलबा हटाने को मजबूर हैं। रविवार दोपहर को आए 5.1 तीव्रता के झटकों के बाद सड़कों पर मौजूद लोगों में चीख-पुकार मच गई।

Niteesh Kumar भाषाSun, 30 March 2025 07:38 PM
share Share
Follow Us on
मलबे के नीचे दबे शव सड़ने लगे, शहरों में फैल रही दुर्गंध; म्यांमार में भूकंप से 1700 से अधिक मौतें

म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले की सड़कों पर पड़े शवों से अब भयानक दुर्गंध फैलनी शुरू हो गई है। उधर लोग अब भी अपने परिजनों की खोज में हाथों से मलबा हटाने में जुटे हुए हैं। दो दिन पहले आए विनाशकारी भूकंप में 1,700 से अधिक लोगों की मौत हो गई और अनगिनत लोग जगह-जगह मलबे में दब गए। शुक्रवार दोपहर को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप का केंद्र मांडले के पास था। इस भयानक भूकंप से कई इमारतें ढह गईं और शहर के हवाई अड्डे जैसे अन्य बुनियादी ढांचों को भारी नुकसान पहुंचा। टूटी हुई सड़कें, गिरे हुए पुल, संचार-व्यवस्था में गड़बड़ी और गृहयुद्ध के बीच देश में काम करने की चुनौतियों के कारण राहत कार्य बाधित हुए हैं।

ये भी पढ़ें:खतरे की आहट! म्यांमार के बाद अब यहां 7.1 तीव्रता का भूकंप, सुनामी का अलर्ट
ये भी पढ़ें:थाईलैंड में भूकंप से पलभर में जमींदोज 33 मंजिला इमारत का चीन कनेक्शन, जांच शुरू
ये भी पढ़ें:म्यांमार में रुक नहीं रहे झटके, फिर आ गया 5.1 तीव्रता का भूकंप; दहशत में लोग

स्थानीय लोग बिना भारी उपकरणों की मदद के जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटे हैं। 41 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में हाथों और फावड़ों से मलबा हटाने को मजबूर हैं। रविवार दोपहर को आए 5.1 तीव्रता के झटकों के बाद सड़कों पर मौजूद लोगों में चीख-पुकार मच गई। हालांकि थोड़ी देर बाद फिर से काम शुरू हो गया। मांडले में रहने वाले 15 लाख लोगों में से कई लोगों ने रात सड़कों पर बिताई। बहुत से लोग भूकंप के कारण बेघर हो गए हैं। भूकंप ने पड़ोसी देश थाईलैंड को भी हिलाकर रख दिया और वहां कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। मांडले के स्थानीय लोगों को इस बात की चिंता है कि लगातार आने वाले झटकों के कारण अस्थिर इमारतें ढह सकती हैं।

भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ

म्यांमार में कैथोलिक रिलीफ सर्विसेज की यांगून इकाई के प्रबंधक कैरा ब्रैग ने बताया कि अब तक म्यांमार में 1,700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 3,000 से ज्यादा घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि कई क्षेत्रों में अब तक बचाव कार्य नहीं हो पाया है। अब तक कई इलाकों में लोग हाथों से मलबा हटाने में लगे हैं। म्यांमार में विदेशी सहायता पहुंचना शुरू हो गई है। 2 भारतीय सी-17 सैन्य परिवहन विमान शनिवार देर रात नेपीताव में उतरे, जिसमें सेना का एक चिकित्सा दल और कुछ 120 कर्मी सवार थे। म्यांमार के विदेश मंत्रालय के अनुसार, ये भारतीय दल 60 बिस्तरों वाला आपातकालीन उपचार केंद्र बनाने के लिए उत्तर मांडले पहुंचेंगे। भारत की ओर से अन्य सहायता म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून भी पहुंच गई है। यांगून अन्य देशों की ओर से भेजी जा रही सहायता का केंद्र है।nite

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें