मुंह में राम बगल में छूरी, एक तरफ गाजा हमले का विरोध; दूसरी तरफ तेल की सप्लाई: इन देशों पर मुकदमे की तैयारी
ब्राजीलियन राष्ट्रपति लूला दी सिल्वा जिन्होंने गाजा में इजरायली हमलों की निंदा की थी, उनका देश भी इजरायल को तेल सप्लाई करता रहा है और गाजा में नरसंहार को परोक्ष रूप से बढ़ावा देता रहा है। इजरायल को कुल तेल सप्लाई की 9 फीसदी हिस्सा ब्राजील ने अकेले सप्लाई किया है।
इजरायल-हमास के बीच पिछले 321 दिनों से जंग जारी है। इजरायल वेस्ट बैंक समेत गाजा पट्टी पर लगातार हमले कर रहा है। गुरुवार को भी इजरायली सुरक्षा बलों ने गाजा पट्टी में कई स्थानों पर हमले किए, जिसमें 22 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। इस बीच इजरायल के मददगार देशों को अब युद्ध अपराध में घसीटने की तैयारी हो रही है। कानूनी विशेषज्ञों ने उन देशों को युद्ध अपराध में घसीटे जाने की चेतावनी दी है, जिन्होंने युद्ध के समय बड़े पैमाने पर इजरायली लड़ाकू विमानों और टैंकों को ईंधन की सप्लाई की है।
गैर-लाभकारी संगठन ऑयल चेंज इंटरनेशनल (OCI) की एक स्टडी में पता चला है कि कई देशों द्वारा इजरायल को निर्बाध तेल आपूर्ति गाजा में नरसंहार को बढ़ावा दे रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल को उन देशों ने भी तेल की सप्लाई की है जिन्हेंने मानवता के खिलाफ युद्ध और नरसंहर के खिलाफ जिनेवा कन्वेंशन पर दस्तखत किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो परिष्कृत तेल इजरायल को सप्लाई कर रहे हैं।
OCI शोधकर्ताओं ने पिछले साल गाजा पर शुरु हुए इजरायल के हमलों के कुछ दिनों बाद से यानी 21 अक्टूबर से इस साल 12 जुलाई तक इज़रायल को भेजे गए 65 तेल और ईंधन शिपमेंट का आंकड़ा जुटाया है । शोध में पाया गया है कि सामूहिक रूप से इन देशों ने गाजा पर युद्ध शुरू होने के बाद से इज़रायल को कुल 41 लाख टन कच्चे तेल की सप्लाई की है, जिनका इस्तेमाल इजरायल ने गाजा पर हमलों के लिए फाइटर जेट, टैंक और सैन्य वाहनों समेत बुलडोजरों को चलाने के लिए किया है। इसलिए ये सभी देश भी इजरायल की तरह युद्ध अपराध के दोषी हैं।
मिडिल ईस्ट आई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल को भेजे गए 41 लाख टन तेल का आधा निर्यात जनवरी में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले के बाद हुआ हैं। ICJ ने इजरायल को गाजा में नरसंहार को रोकने का आदेश दिया था और चेतावनी दी थी कि यदि उसके सहयोगी उसका समर्थन करना जारी रखते हैं तो उन पर "नरसंहार में मिलीभगत" के आरोप लग सकते हैं।
शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल को जेट ईंधन, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों का लगभग 80% निर्यात अमेरिका ने ICJ के फैसले के बाद किए हैं। इसके अलावा अजरबैजान, इटली, अल्बानिया और ग्रीस ने भी ICJ के फैसले के बाद इजरायल को तेल की आपूर्ति की है। रिपोर्ट में चौंकेने वाली बात यह है कि अफ्रीकी देशों ने भी बढ़-चढ़कर इजरायल को तेल सप्लाई की है। अफ्रीकी देशों में गैबॉन ने इजरायल को कच्चा तेल भेजने वाला प्रमुख देश है। उसके अलावा नाइजीरिया और कांगो-ब्राज़ाविल से भी शिपमेंट पहुंचे हैं।
ब्राजीलियन राष्ट्रपति लूला दी सिल्वा जिन्होंने गाजा में इजरायली हमलों की निंदा की थी, उनका देश भी इजरायल को तेल सप्लाई करता रहा है और गाजा में नरसंहार को परोक्ष रूप से बढ़ावा देता रहा है। इजरायल को कुल तेल सप्लाई की 9 फीसदी हिस्सा ब्राजील ने अकेले सप्लाई किया है। पिछले अप्रैल में ब्राजील ने इजरायल को ऑयल टैंकर भेजे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लूला दा सिल्वा तेल प्रतिबंध लगाकर इजरायल पर युद्धविराम के लिए दबाव डाल सकते हैं।
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