Hindi Newsविदेश न्यूज़If Trump was there would have been no Russia Ukraine war Putin said 2020 US election was rigged

ट्रंप होते तो रूस-यूक्रेन युद्ध नहीं होता; पुतिन बोले- 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हुई थी धांधली

  • पुतिन का यह बयान तब आया जब ट्रंप ने 23 जनवरी को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा था कि तेल की कीमतों में कमी रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर सकती है। हालांकि, ट्रंप के इस सुझाव के बावजूद क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस विचार को खारिज कर दिया।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 25 Jan 2025 07:10 AM
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ट्रंप होते तो रूस-यूक्रेन युद्ध नहीं होता; पुतिन बोले- 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हुई थी धांधली

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को धांधली कर हराया गया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यदि 2020 में डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो 2022 में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की स्थिति नहीं बनती। पुतिन ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार में कहा, "मैं उनसे सहमत हूं कि अगर वह राष्ट्रपति होते, अगर 2020 में उनकी जीत चुराई नहीं जाती तो शायद 2022 में जो यूक्रेन में जो संकट हुआ, वह नहीं होता।"

आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने भी लगातार यह दावा किया है कि 2020 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव "चुराया" और "धांधली" किया गया था, जिसमें रिपब्लिकन पार्टी हार गई थी।

रूसी राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप को शुक्रवार को स्मार्ट और व्यावहारिक बताते हुए उनकी वैश्विक मुद्दों को संभालने की क्षमता की सराहना की। पुतिन ने कहा, "मुझे यह कल्पना करने में कठिनाई होती है कि ऐसे निर्णय लिए जाएंगे जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक हों।" उन्होंने आगे कहा कि तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव रूस और अमेरिका दोनों के लिए नुकसानकारी हो सकते हैं। पुतिन ने कहा, "ट्रंप न केवल स्मार्ट व्यक्ति हैं, बल्कि व्यावहारिक भी हैं।"

क्या तेल की कीमतों में कमी युद्ध समाप्त कर सकती है?

पुतिन का यह बयान तब आया जब ट्रंप ने 23 जनवरी को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में कहा था कि तेल की कीमतों में कमी रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर सकती है। हालांकि, ट्रंप के इस सुझाव के बावजूद क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस विचार को खारिज कर दिया। पेसकोव ने कहा, "संघर्ष इस कारण जारी है क्योंकि रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, उन क्षेत्रों में रह रहे रूसियों के लिए खतरा है और अमेरिकी तथा यूरोपीय देशों द्वारा रूस की सुरक्षा चिंताओं को न सुनने के कारण यह संघर्ष जारी है।"

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